आस्था… और मां पल्टा देवी ने एक गरीब मुस्लिम परिवार का भाग्य पलट दिया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। यह देश आस्थाओं का है। यहां आस्था हर तर्क पर लगभग भारी पड़ती रही है। इसी आस्था की कहानी है, जिसके अनुसार मुस्लिम परिवार के एक बीमार बालक का भाग्य जिले शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नेपाल बार्डर के करीब की मां पल्टा देवी (मां दुर्गा) ने पलट दिया। आज वह परिवार मंदिर में चढ़ावे चढ़ा रहा है और इलाके में इसकी काफी चर्चा हो रही है।
घटना कुछ यों हैं कि तमाम इलाज के बाद भी अली अहमद का बीमार बेटा ठीक नहीं हो रहा था। बेटे की बीमारी से अली अहमद (परिवर्तित नाम) दंपती निराश हो चुके थे। तभी लोगों ने कहा कि पल्टा देवी की मां दुर्गा हर बेसहारे की मुराद पूरी करती हैं। बस मांगने वाली की इच्छा शक्ति मजबूत होनी चाहिए। यह सुनकर मुस्लिम परिवार ने देवी मां से बेटे के ठीक होने की मिन्नतें की। कुछ दिन बाद अश्चर्यजनक रूप से बेटा स्वास्थ्य हो गया तो सोमवार को दोनों मंदिर पहुंचे और देवी मां का दर्शन कर चढ़ावा चढ़ाया। मामला चिल्हिया कस्बे (गांव) का है।
चिल्हिया थाना और उसी कस्बे के एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति का बेटा बहुत दिनों से बीमार था। उसने बड़े-बड़े डॉक्टरों को दिखाया। हर जगह के डॉक्टरों ने उसे जवाब दे दिया कि तुम्हरा लड़का ठीक नहीं होगा। उसके बाद उसने दरगाहों व मंदिरों पर लड़के को ठीक होने के लिए माथा टेका और मन्नते भी मांगी, लेकिन हालत ज्यो की त्यों बनी रही। लोगों के कहने पर कि मां पल्टा देवी आमतौर पर भक्तों के भाग्य पलट देती है। इसलिए तुम्हें मां पल्टा देवी मंदिर में मन्नत मांगनी चाहिए।
लागों की सलाह पर कुछ माह पहले उसने मंदिर के बाहर खड़े होकर मान्यता के अनुसार सबकी भाग्य पलटने वाली मां पल्टा देवी मंदिर में माता से मन्नत मांगी कि मेरा लड़का ठीक हो जाए तो बेटे के साथ आप का दर्शन कर पूजा अर्चना करेंगे। मां पल्टादेवी के आर्शीवाद से जब उसका लड़का ठीक हो गया। इसके बाद गत सोमवार दंपती बेटे को साथ लेकर पल्टादेवी मंदिर पहुंचकर मां को नारियल चुनरी चढ़ा कर माथा टेका और मां की पूजा अर्चना की। मुस्लिम परिवार के मंदिर में पहुंचने और माथा टेकने की क्षेत्र में बड़े जोर शोर से चर्चा हो रही है।