ब्लाक प्रमुख चुनावः पर्दे के पीछे कई दिग्गजों में होगी प्रतिष्ठा की लड़ाई

September 8, 2015 11:09 AM0 commentsViews: 776
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अजीत सिंह

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“क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानी ब्लाक प्रमुख पद के लिए जारी की गई आरक्षण की सूची बेहद रोचक है। जिले के अधिकांश ब्लाकों के आरक्षण दिग्गज नेताओं की सोच के अनुरूप ही हुए हैं। माना जा रहा है कि इस बार जिले में ब्लाक प्रमुख चुनाव बहुत रोचक और रोमांचक होंगे। कम से कम सात ब्लाकों के लिए तो भारी घमासान मचेगा। जिले से कुल 14 ब्लाक प्रमुख चुने जाने हैं”

सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज, इटवा, शोहरतगढ़, खेसरहा, नौगढ़ और उस्का बाजार विकास खंड अनारक्षित घोषित किये गये है। माना जा रहा है कि इटवा और खुनियांव में संघर्ष सबसे रोचक होगा। यहां अतीत में भी उम्मीदवार के बजाये जिले के दो दिग्गज नेताओं में प्रतिष्ठा की जंग होती रही है। इस बार भी इसकी पूरी संभावना है।

खुनियाव ब्लाक पिछडा वर्ग के लिए रिजर्व है। यहां आम तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, बसपा के दिग्गज व पूर्व सांसद मो मुकीम अपनी-अपनी पतिष्ठा की लडाई लड़ते हैं। पिछले चुनाव में ब्लाक प्रमुख रहे मो मुकीम के बेटे जावेद मुकीम को माता प्रसाद पांडेय के प्रयासों से अविश्वास प्रस्ताव के द्धारा हटाया गया था। इससे पूर्व विस अध्यक्ष के करीबी तौलेश्वर निषाद की पत्नी रेनू निषाद को मोहम्मद मुकीम ने अविश्वास के जरिए ही चित कराया था। दोनों बार के चुनावों में पुलिस की भूमिका भी खासी चर्चित रही थी। इस बार भी वहीं आसार हैं। इटवा में भी ब्लाक प्रमुख को लेकर दोनांे दिग्गजों की लड़ाई हाईकोर्ट तक जा चुकी है।

डुमरियागंज में अब की बार तीन दिग्गजों के बीच यलगार होगा। यहां पीस पार्टी के बागी विधायक कमाल यूसुफ मलिक के राजनीतिक वर्चस्व को एक बार पुनः बसपा की सैयदा मलिक व सपा के राम कुमार उर्फ चिनकू यादव से चुनौती मिलेगी। पिछले चुनाव में विधायक की पत्नी इशरत जहां मलिक को सैयदा मलिक और चिनकू यादव की संयुक्त ताकत ने हटाने में सफलता प्राप्त की थी। इस बार कमाल यूसुफ का प्रत्याशी कौन होगा, अभी तय नहीं है, लेकिन जानकार बताते हैं, कि उनकी राजनीतिक सत्ता को चुनौती देने के लिए सपा और बसपा खेमा एक बार फिर आपस में सुलह कर ले तो किसी को ताज्जुब नहीं होना चाहिए।

शोहरतगढ़ ब्लाक प्रमुख पद अपने करीबी को देने के लिए विधायक पुत्र उग्रसेन सिंह को रोकने के लिए इस बार कोई ताकतवर नेता नहीं दिखता है, लेकिन नौगढ ब्लाक में प्रमुख विजय सिंह के वर्चचस्व को चुनौती देने के लिए एक और दिग्गज अली अहमद ने कमर कस रखी है। खबर है कि उनके पुत्र इस ब्लाक के लिए ताल ठोंकने की तैयारी कर चुके है। बढ़नी ब्लाक में भी पूर्व विधायक पप्पू चौधरी और उनकी पत्नी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष साधना चौधरी एक बार फिर आमने सामने होंगे। पिछली बार साधना चौधरी अपने पुत्र को जिताने में सफल रहीं थीं।

कुल मिला कर क्षेत्र पंचायतों पर कब्जे का बिगुल बज चुका है। प्रमुख पद को हथियाने के लिए अपने करीबियों को क्षेत्र पंचायत सदस्य बनाने के लिए रणनीति बन चुकी है। अधिकांश दिग्गज अपने मोहरे सजाने में लगे हैं। देखना है चुनावी शतरंज का ऊंट किस करवट बैठता है.?

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