पहली बारिश से किसानों के चेहरे खिले, पानी नही डीजल बरसा
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। बुधवार सुबह को हुई की एक घंटे की बरसात किसानों के लिए खुशियों की बारिश बन कर आई। किसानों का कहना है कि यह पानी नहीं डीजल की बरसात है। कुदरत इस बार किसानों के पक्ष में दिखी, वरना लाखों लीटर डीजल स्वाहा करना पड़ता।
आज सबेरे बारिश शुरू हुई तो किसानों के मन मयूर नाच उठे। धन की फसल के लिए लिए खेत तैयार करने के लिए धरती को पानी की सख्त जरूरत थी। इस बार वक्त से पहले हुई बारिश ने खेंतो में नमी डाल दी। इससे अब रबी के लिए खेत तैयार करना आसान हो गया।अगल बारिश होते ही किसान के पास बुआई रोपाई असान हो जायेगी।
किसान श्यामसुंदर कहते हैं कि अगर यहीं बारिश देर से होती तो किसानों को अपना खेत तैयार करने में लाखों लीटर डीजल खर्च करना पड़ता, जो अग बच गया है। वह कहते हैं कि सामान्य बारिश नही डीजल की बरसात है। इससेसब्जी की खेती करने वाले किसानों को बहुत लाभ हुआ है। कुदरती सिंचाई से सब्जी की अपज तो बढ़ेगी ही, सब्जी में लगने वाले कीटों से भी मुक्ति मिलेगी