परशुराम जयंती के माध्यम से विप्र समाज में हलचल मचा गया इंडिया गठबंधन खेमा
वक्ताओं ने एनडीए पर जम कर बोला हमला, कहा- भारतीय जनता पार्टी पूंजीपति समर्थक, नहीं कर सकती ब्राह्मण समाज का हित
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। इंडिया गठबंधन की ओर से शनिवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित परशुराम जयंती के अवसर पर वक्ताओं ने मौके पर जुटे ब्राह्मण समाज को जम कर मथा। वक्ताओं ने घटती कृषि और कम होते रोजेगार के साधन के कारण विप्र समाज के होते आर्थिक नुकसान के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और गठबंधन के पक्ष में मतदान की अपील भी किया। कार्यक्रम में भगवान परशुराम की जय के साथ क्रांतिकारी मंगल पांडेय और चित्तू पांडेय का जोरदार नारा लगवा कर माहौल बनाने का सार्थक प्रयास किया गया। सच कहें कि भगवान परशुराम की जयंती के नाम पर गठबंधन उम्मीदवार की तरफ से जो राजनतिक तीर चलाया गया वह निश्चित ही सटीक निशाने पर लगता दिखा।
कल गोकुलधाम के बैंक्वेट हाल में विप्र समाज के साथ विद्वत्जनों ने जम कर जलवा बिखेरा। पूर्व कुलपति रहे प्रों चितरंजन मिश्र ने भगवान को समाजवाद के संदर्भ में परिभाषित किया और उन्हें समता समानता तथा न्याय का प्रहरी बताया। उन्होंने कहा कि वह अन्याय के समक्ष सर नहीं झुकाते थे। जरूरत पड़ने पर क्रिति भी कर देते थे।
प्रो. मिश्र की इसी बात को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे ने कार्यक्रम को राजनतिक दिशा दे दिया। उन्होंने कहा कि सबकी तरह ब्राह्मण समाज की कृषि जोत घट रही है। इसी के साथ नौकरियों का टोटा भी पड़ गया है। ऐसे में ब्राह्मणों की आर्थिक हालत खराब हो रही है। क्योंकि नौकरियों में उसकी तादाद अधिक रहती है। इसके लिए उन्होंने बहुत जोशीले अंदाज में भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि वह ऐसी पार्टी है जो पूंजीपतियों की समर्थक है और उसी के चलते ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर ब्राह्मण कुशल तिवारी को समर्थन देकर खुद को मजबूत करे।
लगभग तीन घंटे चले इस कार्यक्रम में घूम फिर कर सभी वक्ता भाजपा राज में ब्राह्मणों की हो रही राजनीतिक आर्थिक अहित पर ही चर्चा करते रहे और पांडाल भगवान परशुराम की जय व हर हर महादेव के जयघोष से गूंजता रहा। नारे लगाने वालों की बंधी मुठिठयों और लहराते हाथ बदल रहे राजनीतिक हालात का जयघोष कर रहे थे। आज के कार्यक्रम से सपष्ट लग रहा था कि भाजपा के समर्थन के लिए घोषित हो चुके ब्राहमण समाज की बड़ी तादाद में सहानुभूति इस बार कम से कम इस बार गठबंधन और उसके प्रत्याशी कुशल तिवारी के साथ है।
परशुराम जयंती पर इस बार पांडाल में मौजूद विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय व पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी अपने प्रत्याशी कुशल तिवारी की संभावित कामयाबी को देख कर यकीनन सुकून महसूस कर रहे होंगे।