सड़क हादसाः बाप और बेटे की मौत, पत्नी व चाचा अस्पताल में, दोहरे गम से शोक में डूब गया परिवार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लखनऊ में नौकरी कर रहे थाना व ग्राम गौल्हौरा के संतोष तिवारी उर्फ लकी के परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। सड़क हदसे में पहले उनके बेटे की जान गई, बाद में लकी खुद भी स्वर्ग सिधार गये। उनकी पत्नी घायल हैं। उनके चाचा अभी भी अस्पताल में हैं। कुल मिला कर यह परिवार शोक में डूबा हुआ है। लाग इस परिवार को सांत्वना देने के लिए उपयुक्त शब्द तक नहीं खोज पा रहे हैं।
क्षेत्र के गोल्हौरा निवासी राकेश कुमार के पुत्र संतोष उर्फ लकी तिवारी गोल्हौरा थाने के निकट के रहने वाले थे। वे लखनऊ में एक पैथालाजी में लैब टेक्नीशियन पद पर काम कर रहे थे। उनकी पत्नी और बच्चे भी साथ रहते थे और बाकी परिवार गांव में रहता था। अचानक उनके चाचा राजेश तिवारी बीमार बीमार पड़े। उन्हें लखनऊ के इंदिरानगर के एक हास्पीटल में दाखिल कराया गया था।
बताते हैं कि तीन दिसंबर की सुबह इंदिरानगर अस्पताल में भर्ती अपने चाचा राजेश त्रिपाठी को देखने के लिए वह अपनी पत्नी व आठ वर्ष बेटे सात्विक के साथ बाइक से निकले थे। जैसे ही वह इंदिरानगर थाना क्षेत्र के खुर्रमनगर चौराहे के पास पहुंचे तभी किसी वाहन की चपेट में आ गए । वाहन की टक्कर भीषण थी। जिस कारण संतोष उर्फ लकी तिवारी के आठ साल के बेटे सात्विक की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में संतोष तिवारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पत्नी को हल्की चोट आई थी।
बताते हैं कि संतोष तिवारी उर्फ लकी तिवारी का उपचार मेडिकल कालेज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में चल रहा था। लेकिन लाख प्रयास के बावजूद भी उन्हें बचााया न जा सका और रविवार को इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद उनके परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। लकी और उनके बेटे सात्विक की मौत हो चुकी है। पत्नी अभी भी घायल है। जबकि चाचा अस्पताल में भर्ती हैं। खबर से उनके गांव में कोहराम मचा हुआ है।
इतनी बड़ी विपदा की बात सुन कर गोल्हौरा में उनके आवास पर संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। लोगों के पास परिवार को सांत्वना देने के लिए उपयुक्त शब्द तक नहीं मिल रहे हैं। कष्ट के दिन तो आते जाते हैं। परन्तु ऊपर वाला ऐसा भी कष्ट किसी को न दे कि लोग संत्वना देने के लिए साहस और शब्द तक न बटोर सकें।