बिहारी नेटवर्क को पछाड़ कर अब पशु तस्करी के मैदान में उतरा लखीमपुरिया गैंग

January 14, 2025 1:25 PM0 commentsViews: 164
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नजीर मलिक

प्रतीकात्मक फोटो

सिद्धार्थनगर। दो साल के अंतराल के बाद जिले में पशु तस्करों का संगठित नेटवर्क पुनः सक्रिय दिख रहा है। भवानीगंज क्षेत्र के  ग्राम धनखरपुर में पशु तस्करों के पकड़े जाने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है। पशु तस्करों के रैकेट का कनेक्शन पहले बिहार से जड़ा मिलता था, लेकिन धनखरपुर में गिरोह के सदस्यों के पकड़े जाने के बाद उनका कनेक्शन लखीमपुर खरी से जुड़ा पाया गया है। ऐसे में लगता है कि बांग्ला देश के लिए पशु तस्करी कराने वाले नेटवर्क ने वाया नेपाल एक नया मार्ग विकसित कर लिया है।

इस नये मार्ग के लिए उभरे पशुतस्करों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस को अब कड़ी मेहनत  और नई रणनीति की दरकार हो गई है। पशु तस्करी की वारदात में पहली बार लखीमपुर खीरी का कनेक्शन जुड़ा पाया गया है। ग्राम धनखरपुर, जहां धरपकड़ हुई वह तीन जनपदों का बार्डर है। इसमें बस्ती, गोंडा और बलरामपुर इलाका लगता है। ऐसे में यहां से अवैध गतिविधि होने की गुंजाइश अधिक है। भवानीगंज, डुमरियागंज और त्रिलोकपुर थाने के कुछ इलाके पशु तस्करी के लिए पहले से बदनाम थे। ऐसे में पूर्व में इस अपराध में लिप्त लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है। क्योंकि इस इलाके में स्थानीय लोगों के सहयोग से गोशाला से पशुओं को लाद ले जाने का मामला सामने आ चुका है।

क्या कहते हैं पशु तस्करी के  जानकार

जानकारों के मुताबिक पशु तस्कर अब पशुओं को अब बहराइच श्रीवास्ती के रास्ते नेपाल पहुंचाते हैं। नेपाल में बैठे  गिरोह के हैडलर उन्हें बिहार अथवा पश्चिम बंगाल की सीमा तक पहुंचाते हैं फिर वहां से दूसरा हैंडलर उन्हें बांग्लादेश पहुंचा देता है। जरूरत के मुताबिक कुछ पशु पश्चिम बंगाल को भी सप्लाई कर दिये जाते हैं।पशु तस्करी के धंधे की हकीकत  के बारे में एक अन्य जानकार का कहना है कि वर्तमान में जो  तस्कर इस धंधे में लिप्त हैं, वह स्थानीय लोगों से मिलते हैं। सीवान में जहां अक्सर पशु घूमते हैं, उन पर निगाह बनाते हैं। फिर रेकी के बाद गाड़ी खड़ी करते हैं और कुछ लिखाकर ले जाते हैं। अब यह बड़े रिस्क का कार्य हो गया है।  तमाम स्थानीय पशु तस्करों यह धंधा छोड़ दिया है। अब इस धंघे की कमान बाहर के हाईटेक लोगों के हाथ आ गयी है। इनकी एक्टीविटी से लगता है कि इस गैंग् ने अब बिहार गैंग् को पीछे छोड़ दिया है।

पकड़ गये लखीमपुरिया अभियुक्त

बता दें कि गत 12 जनवरी को भवानीगंज थना क्षेत्र के उतरौला-बस्ती मार्ग पर धनखरपुर से एक पिकअप पकड़ी गई। तलाशी में उसमें चार पशु और एक बछिया बंधी पाई गयी थी। पशुओं को छुड़ाया गया। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दो लखीमपुर खीरी के निवासी हैं। आरोपियों में अनुदित मौर्य निवासी वार्ड नंबर छह सिगंही कला थाना सिगांही कला लखीमपुर खीरी (वाहन चालक) और हरजीत सिंह निवासी खेरतिया कश्यपनगर थाना तिकोनिया जनपद लखीमपुर खीरी शामिल थे। पूछताछ में इनके द्वारा बताया गया कि यह पशुओं को लेकर बिहार जा रहे थे।

बोले भवानीगंज के थानाध्यक्ष
भवानीगंज थाना क्षेत्र बस्ती व गोंडा की सीमा होने के नाते संवेदनशील है। पुलिस टीम द्वारा बॉर्डर क्षेत्र में नियमित चेकिंग अभियान रात में चलाया जा रहा है। इस दौरान सभी संदिग्ध व्यक्तियों के साथ ही वाहनों का विशेष सतर्कता पूर्वक सघन जांच की जा रही है। साथ ही पकड़े गए तस्करों के बारे में और जानकारी ली जा रही है। हर स्तर से जांच किया जा रहा है।
-रामदेव, थानाध्यक्ष भवानीगंज

 

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