पति का कत्ल करने वाली पत्नी और दो बेटों को आजीवन कारावास, 70-70 हजार जुर्माना भी
नजीर मलिक
दौलत के लिए पति की हत्या करने वाली पत्नी और उसके दो पुत्रों को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 70-70 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। घटना जोगिया थाना क्षेत्र के महुआ गांव में वर्ष 2010 में हुई थी। जिसमें पति सिबलाल की लाठियों से पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी। यह घटना अपने समय में काफी सुर्खियों में रही थी।
जोगिया थानाक्षेत्र के ग्राम महुआ निवासी गेंदा देवी ने पुलिस को दिए तहरीर में बताया था कि 19 अगस्त 2010 की रात 12 बजे उसकी सौतन अन्ना देवी अपने पुत्र विजय बहादुर एवं दिनेश के साथ सो रहे पति सिब्बलाल पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। तीनों ने मिल कर घटना की रात में पति के सिर पर लगातार वार किये। अन्ना देवी ललकार रही थी कि इसको जान से मार डालो। गेंदा देवी के चिल्लाने पर उन्होंने उसे भी मारकर घायल कर दिया। हमले में पति सिब्बलाल की मौत हो गयी तथा उसे भी प्राणघातक चोटें आई। गेना देवी के मुताबिक उसके पति ने जेठ के मरने के बाद जेठानी को बतौर पत्नी रख लिया था। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद विवेचना कर न्यायालय में आरोप पत्र भेज दिया।
बताते चलें कि अन्ना देवी की पहले उसके बड़े से शादी हुई थी। मगर बड़े भाईकी मृत्यु हो जाने के कारण पारिवारिक सहमति से सिबलाल गेंदा देवी से शदी होने के बावजूद अन्ना देवी से शादी कर लिया था। मगर बाद में अन्ना देवी अलग रहने लगी थी। गेंदा देवी के मुताबिक उसकी सौतन अन्ना देवी व उसके पुत्र मृतक से जमीनी रंजिश रखते थे और आएं दिन पैतृक धन के लिए कलह होती रहती थी
मामले की सुनाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय हिमांशु दयाल श्रीवास्तव दोनों पक्षों के धिवक्ताओं के तर्क को सुना।न्यायालय ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों सिबलाल की पत्नी अन्ना देवी, उसके पुत्र विजय बहादुर और दिनेश को घटना का दोषी करार दिया। पीड़ित पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार त्रिपाठी ने की।