पत्नी और बेटी के कातिल को अजीवन कारावास की सजा, जुर्माना भी लगा
नजीर मलिक
अपर सत्र न्यायाधीश बांसी ने को पत्नी व पुत्री के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गुरुवार को सुनाई सजा में न्यायधीश ने कातिल मंगलगिरि पर 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त कारावास का भी आदेश दिया गया है। घटना पांच वर्ष पूर्व त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बौनाजोत की है।
ग्राम बौनाजोत निवासी मंगलगिरी ने 17 फरवरी 2018 की रात पत्नी मीना व दो पुत्रियों जानकी (8), रूमा (4) को बोगदा (गड़ासा) से हमलाकर घायल कर दिया था। घटना के समय मंगलगिरी की बहन रूबी उसके एक वर्ष के पुत्र को लेकर खिड़की के रास्ते भागकर पड़ोसी श्रवण गिरी के घर में छिप गई और उन्हें घटना की जानकारी दी। श्रवण गिरी ने फोन कर पुलिस को बुलाया।
पुलिस के साथ जाकर मंगलगिरी के घर में देखा तो तीनों मरणासन्न अवस्था में खून से लथपथ पड़े थे। पुलिस ने चौकीदार तेजा गिरी, नंदू गिरी के सहयोग से तीनों को पुलिस की गाड़ी से भनवापुर अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सक ने जानकी को मृत घोषित कर दिया। मीना व रूमा को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेज दिया था। वहां से मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेजा गया, जहां पहुंचते ही चिकित्सक ने मीना को भी मृत घोषित कर दिया। घायल रूमा का 10 दिन मेडिकल कालेज गोरखपुर में इलाज चला, जो ठीक होकर अपने भाई के साथ नानी फूलमती के घर रह रही है।
घटना की तहरीर पड़ोसी श्रवण गिरी ने थाना त्रिलोकपुर में दी थी। पुलिस ने केस दर्जकर विवेचना के बाद अभियुक्त मंगल गिरी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय भेजा था। मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त मंगल गिरी को अपर सत्र न्यायाधीश बांसी मोहम्मद शफीक ने दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ईश्वर चंद्र दूबे ने की।
न्यायालय में चली बहस के दौरान बचाव पक्ष ने घटना में पति की संलिप्तता से इंकार किया जबकि सबूत पक्ष के वकील ने अपनी दलीलों से सबित किया कि मंगल गिरि ने पत्नी से नाराज होने पर यह जघन्य अपराध किया था। बता दें कि मंगलगरि ने पत्नी के चरित्र पर संदे करते हुए यह कदम उठाया था। जोकि पूर्णतयः निराधार थी।