आनलाइन दवा खरीद नीति जनविरोधी, मोदी सरकार के विरोध में बुधवार को बंद रहेंगे देश भर के मेडिकल स्टोर
नजीर मलिक
मोदी सरकार द्धारा दवाओं की आन लाइन बिकी्र का फैसला जनविरोधी है। इससे एक करोड़ लोग बेरोजगार होंगे और नशाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए देश भर के 8 लाख से अधिक दवा व्यापारी बुधवार को अपनी दुकानें बंद रखेंगे।
यह बातें केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के गोरखपुर जान के अध्यक्ष अजय बंका ने कही। वह रविवार को सिद्धार्थनगर आये हुए थे और नगरपालिका अध्यक्ष मोहम्मद जमील सिदृदीकी के कैम्प कार्यालय पर प्रेस कान्फ्रेंस में बोल रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत में आठ लाख दवा की दुकानें हैं। इन दुकानों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर तकरीबन एक करोड़ लोग जुडे़ हुए हैं। आन लाइन व्यवस्था से सभी के मुंह से निवाला छिन जायेगा।
अध्यक्ष बंका ने कहा कि आनलाइन दवा खरीद से विदेशी कंपनियों को फायदा होगा। देश का पैसा बाहर जायेगा। रोजगार के अवसर छिनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी कंपनियों के हाथों खेल रही है।
इस अवसर पर फेडरेशन के जिलाध्यक्ष अफजाल अनवर खान और महामं़त्री मोहम्मद जमील सिदृदीकी ने कहा कि आन लाइन खरीद में कोई भी आदमी किसी डाक्टर के फर्जी पर्चे पर नशे से लेकर समाज विरोधी कामों में प्रयोग की जाने वाली तमाम दवाओं की खरीद कर लेगा।
दोनाें नेताओं ने कहा कि इससे सामाजिक भ्रष्टाचार भी बढे़गा। सभी ने मिल कर संयुक्त अपील में नागरिकों से इस बंदी में सहयोग मांगा और उस दिन दवा नहीं मिलने से होने वाली दिक्कतों के लिए माफी की अपील भी की है।
बतातें चलें कि केन्द्र में नई सरकार के बनने पर व्यापारी वर्ग द्धारा यह पहली हड़ताल है। कई व्यापारियों ने प्रेस कान्फ्रेंस से हट कर बताया कि मोदी सरकार के इस कदम से उन्हें झटका लगा है। उनका कहना था कि भाजपा सरकार छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न कभी नहीं करती थी।