सिद्धार्थनगर में भी छापों की जरूरत, पेट्रोल पंपों पर हो रही घटतौली
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लखनऊ में पेट्रोलपंपों पर छापे ने पेट्रों ईंधन के बिजनेस में चोरी को पोल खाल दी है। इससे पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। जानकारों का कहना है कि अगर सिद्धार्थनगर में इस प्रकार के छापे डाले जायें तो पता चलेगा कि दो दर्जन पंप उपभोक्ताओं के पेट्रोल चोरी ही नहीं, जबरदस्त मिलावट खोरी भी कर रहे हैं।
सू़त्र बताते हैं कि पूरे जिले में कम से कम तीन दर्जन पेट्रोल पंप ऐसे हैं जो खुल्लम खुल्ला घटतौली और मिलावट के धंधे में लिप्त हैं। क्षेत्रीय उपभोक्ता भी जानते हैं कि कौन कौन पंप ऐसा कर रहे है, इसलिए आम तौर पर उन पंपों पर पेट्रोल भराना पसंद नहीं करते। इसके चलते उन पंपों पर बिक्री भी कम है, लेकिन कम बिक्री में अधिक मुनाफे की कमी इस धंधे में उन्हें टिकाये हुए है।
कहां कहां हो रही चोरी
इस सिलसिले में सूत्र बताते हैं कि जिले के प्रत्येक तहसीलों में औसतन छः–छः पेट्रोल पंप घटतौली के लिए कुख्यात हैं। इनमें जिला हेडक्वार्टर पर बांसी तिराहा और उस्का के पास के दो पेट्रोल पंप अत्यधिक चर्चा में हैं। इन दोनों के खिलाफ अतीत में हलकी फुल्की कार्रवाइयों भी चुकी हैं। इन पंपों पर पेट्रोल में डीजल मिला कर भी बेचने के आरोप लगते रहे हैं।
इसके अलावा बांसी तहसील में तीन, शोहरतगढ़ तहसील में चार इटवा व डुमरियागंज तहसीलों में तीन तीन पंपों पर सर्वाधिक घटतौली की शिकायतें मिली है। शोहरतगढ़ के एक पेट्रलपंप को तो इस मामले में अरसे से चर्चित है। डुमरियागंज में कस्बे के उत्तर में भी एक पेटोलपंप काथी चचित हो चुका है।
ऐसा नहीं है कि इन संदिग्ध पंपों के बारे में जिम्मेदार विभाग को जानकारी नहीं है। ग्राहकों के मुताबिक बाटमाप विभाग और पूर्ति विभाग की इन पंपों से हर माह निश्चित रकम आता है। इसलिए वह ग्राहकों की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करते। समाजसेवी मजहर आजाद कहते हैं कि दरअसल लोकल के अफसर इन प्रभावशाली अफसरों पर हाथ नहीं डाल सकते। इसलिए यहां भी बाहर के टीम से छापे की कार्रवाई कराई जानी चाहिए।