प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी में मरीजों का शोषण, डॉक्टरों द्वारा लिखी जा रही बाहरी दवा व जांच
अजीत सिंह सिद्धार्थनगर। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बढ़नी पर इलाज के लिये आने वाले मरीजों डॉक्टरों द्वारा शोषण किया जा रहा है। यहां के डॉक्टरों द्वारा बाहर की महंगी दवाए लिख कर के मालामाल हो रहे हैं।और विभागीय जिम्मेदारी अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। वैसे तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी पिछले कई दशकों से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देते आ रहा है।परंतु वर्तमान मे यहाँ पर तैनात डॉक्टर वी0के0 सिंह एवं डॉक्टर आर0 के0 प्रसाद द्वारा कमीशन के चक्कर मे मरीजों को बाहर के महंगे जाँच एवं बाहरी महंगी दवाए धड़ल्ले से लिख कर के मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। दोनो डॉक्टरों के मनमानी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढनी का खस्ताहाल होना लाजमी है।मरीज़ यहाँ आने के बाद ठगा महसुस करता है।और दुबारा जाने से बचता है।जनता परेसान है। गवर्मेंट हमारे डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस अलौउन्स देती है।लेकिन वो फीस लेकर अपने आवास पे मरीजो को देखते है।दवा और जांच मे कमीशन अलग से। यहां अस्पताल के कर्मचारियों भी इनकी तानाशाही से परेशान हैं। जननी सुरक्षा के अंतर्गत प्रसूता महिला को खाना मिलना चाहिये लेकिन ये सब कागज़ों पर खाना पूर्ति होती हैं ।यहां भर्ती प्रसूता महिलाओ को कुछ नही दिया जाता। मरीजो को पेय जल की बड़ी समस्या है ।और शौचालय भी नही है। महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार की मंशा का पूरा उलंघन किआ जा रहा वैसे तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी पिछले कई दशकों से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देते आ रहा है।परंतु वर्तमान मे यहाँ पर तैनात डॉक्टर वी0के0 सिंह एवं डॉक्टर आर0 के0 प्रसाद द्वारा कमीशन के चक्कर मे मरीजों को बाहर के महंगे जाँच एवं बाहरी महंगी दवाए धड़ल्ले से लिख कर के मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। दोनो डॉक्टरों के मनमानी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढनी का खस्ताहाल होना लाजमी है।मरीज़ यहाँ आने के बाद ठगा महसुस करता है।और दुबारा जाने से बचता है।जनता परेसान है। गवर्मेंट हमारे डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस अलौउन्स देती है।लेकिन वो फीस लेकर अपने आवास पे मरीजो को देखते है।दवा और जांच मे कमीशन अलग से। यहां अस्पताल के कर्मचारियों भी इनकी तानाशाही से परेशान हैं। जननी सुरक्षा के अंतर्गत प्रसूता महिला को खाना मिलना चाहिये लेकिन ये सब कागज़ों पर खाना पूर्ति होती हैं ।यहां भर्ती प्रसूता महिलाओ को कुछ नही दिया जाता। मरीजो को पेय जल की बड़ी समस्या है ।और शौचालय भी नही है। महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकार की मंशा का पूरा उलंघन किआ जा रहा