मासूम पियूष का अपहरण नहीं कत्ल हुआ था, चाचा ने लाश छिपा कर परिजनों को किया था गुमराह

December 13, 2020 3:56 PM0 commentsViews: 518
Share news

समाज में हल्के पड़ने लगे खून के रिश्ते, पहले बेटी ने बाप को मारा, अब चाचा ने किया भतीजे का कत्ल

https://youtu.be/q3SycnfJq60

शिव श्रीवास्तव

देेखेेंं विडियाे--़ https://youtu.be/q3SycnfJq60

महाराजगंज। अबोध बालक पियूष गुप्ता का अपहरण नहीं हुआ था। बल्कि उसका कत्ल किया गया था। कत्ल करने वाला कोई गैर नहीं उसका अपना चाचा मनीष था, जिसने उस मासूम का बड़ी निर्दयता से कत्ल कर लाश को जमीन में दबाने के बाद पूरे वाकये को बड़े शातिराना अंदाज में अपहरण में बदल दिया था। इस घटना के बाद पूरे जनपद में उसके चाचा मनीष गुप्ता की थू थू हो रही है। इस घटना का खुलासा पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने किया है। पुलिस ने ने मनीष गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक पियूष के गुमशुदा होने और घर पर एक फेंके गये पत्र में फिरौती की रकम मांगने की बातलि’ होने के बाद पुलिस 6 साल के मनीष के अपहृत होने कि छान बीन कर रही थी। इस दौरान उसने मासूम पियूष के परिजनों से भी पूछताछ जारी रखी। जिसमें उसे पियूष के एक चाचा की गतिवधि असहज लगी। अतएव उससे थोड़ा गहराई से जांच की। चूंकि मनीष अपराधी न थ, इसलिए वह थोड़ी ही सख्ती के बाद टूट गया और उसने पियूष के कत्ल कादिये जाने की बात बताई और लाश भी बरामद करा दी। इसके अलावा उसने फिरौती का पत्र लिखना भी स्वीकार किया। घटना जिले के बांसपार बैजौली गांव की है।

क्या थी हत्या की कहानी

मुल्जिम मनीष गुप्ता के अनुसार उसका आपस में पट्टीदारी का विवाद था।जिसे लेकर वह पियूष के पिता दीपक गुप्ता से नाराज था और वह उन्हें सबक सिखाना चाहता था। 9 दिसम्बर को उसने 6 साल के पियूष को घर से बाहर खेलते देखा। उसके मन में सबकसिखाने की भावना तो पहले से ही थी। अतः उसने मासूम पियूष का उठा लिया  और उसे गांव से बाहर खेत में ले जोकर गला दबा कर मार डाला और लाश को पुआल से ढंक दिया।
शाम के बाद जब घर के लोग बच्चे को ढूंढने लगे तो उसने मौका पाकर घर के पास ५० लाख फिरौती वाला प़त्र लिख कर फेंका और खेत में जाकर गड्ढा खोद कर लाश को मिट्टी में दबा दिया। इसके बाद पुलिस ने लाश बरामद कर उसे अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने वह फावड़ा व वह कापी भी बरामद किया जिससे पन्ना फाड़ कर फिरौती का पत्र लिखा गया था।

 यह तो शैतानियत की हद है  

इस बारे में गौर तलब है कि जिले के बांसपार बैजौली निवासी मृतक पियूष के पिता दीपक गुप्ता व मनीष गुप्ता में कोई बड़ा विवाद न था। उनका विवाद वही था जो सामान्यतः आपस में दो परिवारों में होती रहती है। फिर भी मनीष ने इतना बड़ा राक्षसी कदम उठा लिया। आपको बताते चलें कि अभी पिछले पखवारे जिले में एक बेटी ने जायदाद की लालच में अपने बाप की हत्या कर दी थी। मतलब साफ है कि आज की दुनियां में खून के रिश्तों पर निजी स्वार्थ भारी पड़ने लगे हैं। यही वजह है कि समाज में इस तरह की हरकतें अब आम आम होती जा रही हैं।

Leave a Reply