देखें Video- पत्रकार ध्रुव प्रकरण: अलीगढ़वा पहुंचे मंत्री, घटना की ली जानकारी- कहा मामला फर्जी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। पत्रकार ध्रुव यादव प्रकरण में पूर्व सैनिक कल्याण निगम के अध्यक्ष और दर्जा प्राप्त मंत्री रामबहादुर यादव ने आज अलीगढ़वा का दौरा किया और लोगों से पूछ–ताछ की। उन्होंने मामले में प्रशासन की शिथिलता पर नाराजगी भी जताई।
जानकारी के मुताबिक मंत्री रामबहादुर यादव सुबह 9.30 बजे अलीगढ़वा बार्डर पहुंचे। उनके साथ कपिलवस्तु क्षेत्र के विधायक विजय पासवान भी थे। मंत्री ने सबसे पहले ध्रुव यादव के परिजनों से मुलाकात की और घटना की पूरी जानकारी दी।ध्रुव यादव के पुत्र हेमंत यादव ने घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि साजिश की जड़ें बहुत गहरी है।
जनता से मिले मंत्री
श्री यादव ने घटना की सच्चाई जानने के लिए अलीगढ़वा की जनता से भी बात–चीत की। वहां सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। लोगों ने बताया की ध्रुव यादव को दिनदहाड़े 3.45 अलीगढ़वा की सड़क से उठाया गया और बाद में चरस बरामदगी दिखाई गई।
ग्राम प्रधान बर्डपुर नं.-2 मो. शफीक सहित व्यापारी रामकृपाल वर्मा कमरूद्दीन महबूब खान व सतीश कशौधन ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने ध्रुव यादव को जबरन चरस तस्करी में फसाया। बार्डर पार नेपाल के व्यापारी रमेश कन्नौजिया ने कहा कि एसएसबी के लोगों ने चरस नेपाल से मगाया था।
मंत्री ने देखा घटना स्थल और एसएसबी से की बात
इसके बाद मंत्री रामबहादुर यादव ने घटना स्थल देखा व सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानो से बात–चीत भी की। जवानो ने कहा कि वह उस दिन ड्यूटी पर नहीं थे, इसलिए कुछ नहीं बता सकते। इस बारे में उच्चाधिकारी ही बता सकते हैं।
मंत्री ने सख्त लाजे में की डीएम, एसपी से बात
खबर है कि सारी जानकारी लेने के बाद मंत्री ने डीएम, एसपी ने फोन पर काफी सख्त लेजे में बात की और कहा कि पत्रकार ध्रुव यादव को निर्दोष फंसाया गया, लेकिन प्रशासन की भूमिका अच्छी नहीं रही। वह इस बारे में मुख्य मंत्री को अपनी रिपोर्ट देंगे। बताते है कि इसके जवाब में दोनों अफ्सरों ने कुछ करने का वादा किया।
बाद में उन्होंने पत्रकारो से कहा कि पत्रकार ध्रुव यादव को 6 किलो चरस के साथ गिरफ्तार दिखाना पूरी तरह से फर्जी है। उन्हें पुरानी रंजिश के तहत दिनदहाड़े सड़क से उठाया गया।
बताते चले कि गत बीस नवम्बर को अमर उजाला के नेपाल बार्डर रिपोर्टर ध्रुव यादव को दिनदहाड़े पकड़ कर सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) कैंप ले जाया गया था, जहां से देर रात उन्हें चरस तस्करी के आरोप में गिरफ्तार बताया गया था।