नेपाल में बंधक बनाकर एक महीने तक गैंगरेप की आशंका, सिद्धार्थनगर पुलिस लीपापोती में जुटी

December 23, 2015 3:53 PM0 commentsViews: 1177
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नजीर मलिक

मीडियाकर्मियों को आपबीती सुनाती पीडित लडकी

मीडियाकर्मियों को आपबीती सुनाती पीडित लडकी

त्रिलोकपुर इलाके की एक नाबालिग लड़की को बंधक बनाकर एक महीने तक रेप किया गया है। तीन सगे भाइयों ने मौका देखकर लड़की को किडनैप किया, फिर नेपाल के पुरषोत्तम पुर गांव में ले जाकर वारदात को अंजाम देते रहे। इस पूरे मामले में सिद्धार्थनगर पुलिस की संदिग्ध बताई जाती है। मुलजिमों कोे दबोचने की बजाय त्रिलोकपुरी पुलिस पर लीपापोती का इल्ज़ाम लग रहा है। अपने पिता के साथ कपिलवस्तु पोस्ट के दफ्तर पहुंचकर पीड़ित ने पूरी आपबीती सुनाई है। 

पीड़ित के मुताबिक नेपाल में उसके साथ चार मुलज़िमों ने बारी-बारी से रेप किया। तकरीबन एक महीने के बाद लड़की ने अपने ठिकाने की इत्तेला घरवालों को दी। फिर घर के ही सदस्यों ने उसे रेस्क्यू किया।

पीड़ित के पिता के मुताबिक त्रिलोकपुरी पुलिस ने शुरू में उनकी फरियाद नहीं सुनी। थक हारकर एसपी अजय साहनी से गुहार लगाई गई। 22 दिसंबर को त्रिलोकपुरी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की लेकिन एफआईआर में बलात्कार की धाराओं का जिक्र नहीं है।

एसपी अजय साहनी के आदेश पर त्रिलोकपुरी पुलिस ने 22 दिसम्बर को बुढ्ढी गांव के तरन भाई विश्राम, जगदीश और मझिलका के खिलाफ धारा 363 और 366 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अभी तक इन मुलज़िमों की गिरफ्तारी तक नहीं हुई है।

इसके बाद मंगलवार की रात घरवालों के साथ पीड़िता ने अपर पुलिस अधीक्षक को अपनी विपदा सुनाई। पीड़िता के पिता ने स्कूल का सर्टीफिकेट दिखा कर उसके नाबालिग होने का दावा किया।

सवालों के घेरे में पुलिस….

इस प्रकरण में त्रिलोकपुर पुलिस सवालों के घेरे में है। लड़की के पिता के मुताबिक लड़की जबरन नेपाल ले जाई गई तब भी मुकदमा नहीं लिखा। एक माह बाद वह वापस लाई गई तो भी कार्रवाई नहीं की जा रही।

एसपी के आदेश पर आधा अधूरा मुकदमा लिखा तो अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर रही। जबकि अभियुक्त पीड़ित पक्ष को खुले आम धमका रहे हैं। इस बारे में अपर पुलिस अधीक्षक मनसा राम गौतम ने न्याय का भरोसा दिलाया है।

बेलगाम हो रही त्रिलोकपुर पलिस….

यही वह मामला है जिसकी टोह लेने के लिए कुछ दिन पहले थाना त्रिलोकपुर गये एक पत्रकार को दारोगा ने कई घंटे तक बंधक बना लिया था। पुलिस अधीक्षक को इसकी छानबीन करनी चाहिए कि त्रिलोकपुर पुलिस क्यों बेलगाम होती जा रही है।

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