टिकट की जंग: भाजपा-सपा में घमासान, कांग्रेसी हैरान और बसपाई परेशान, कौन बनेगा सिकंदर

February 29, 2024 2:08 PM0 commentsViews: 1161
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सपा व बसपा में टिकट चाहने वालों की कतार, जबकि बसपा नेता तलाश रहे

उम्मीदवार, सपा के एक नेता की संभावित बगावत पर टिकीं बसपा की उम्मीदें

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। आज कल में लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लगने ही वाली है। इसी के  साथ सभी राजनीतिक दल अपने अपने उम्मीदवार चयन की प्रकिया भी शुरू कर देंगे। इसके लिए  लोकस्भा क्षेत्र डुमरियागंज से चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले अनेक नेता अपने अपने दलों के बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा में जोर शोर से लग गये हैं।किसी दल मेंटिकट केलिए घमासान मचा हुआ है। कोई नेता दलीय समझौते में सीट दूसरे को आविटित हाने से हैरान है तो एक दल अभी तक कोई उम्मीदवार न मिल पाने को लेकर परेशान है।

 कहां कहां मचा है घमासान?

आगामी नोकसभा में डुमरियागंज सीट को लेकर सपा भाजपा में घमासान मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी में जिलाध्यक्ष लालजी यादव सहित सपा नेता इंजीनियर रामफेर उर्फ अंशू यादव, सपा नेता चिनकू यादव, महिला नेत्री विभा शुक्ला, पूर्व सांसद आलोक तिवारी  सपा नेता बदरे आलम आदि के नाम खूब चर्चा में हैं। यह सभी लखनऊ में अपने संरक्षकों के पास पहुंच कर अपना अपना दावा पुख्ता करने में लगे हैं। इनमें एक सपा नेता तो दूसरे दल में भी जुगाड़ बनाने में लगे हैं। माना जा रहा है कि टिकट न मिले की दशा में वे बसपा का रुख कर सकते हैं। इसे अलावा टिकट वितरण को लेकर  अधिक विवाद होने की दशा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का नाम भी सामने आ सकता है।

दूसरी तरफ भाजपा में भी कम कम घमासान नहीं है। हालांकि भाजपा नेता जगम्बिका पाल माजूदा समर्थक हैं। वह यहां से तीसरी बार चुने गये हैं। मगर उनका टिकट कट जाने के भरोसे के साथ पूर्व शिक्षा मंत्री सतीश द्धिवेदी, एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। चौथा नाम बांसी के विधायक जयप्रताप सिंह का नाम भी चर्चा में है। मगर इसकी पुष्टि नहीं हो पाया है। जगदम्बिका पाल के करीबी सूत्रों को कहना है कि उनका टिकट पक्का है। लोग ख्वाब देख रहे हैं मगर पूर्व मंत्री सतीश द्धिवेदी के करीबियों का दावा है कि 70 साल से अधिक वय वाले नेतों के टिकट कटने की पूरी संभावना है। मीडिया भी इसको हाइप दे रही है। वैसे भी द्धिवेदी जी संघ काडर के हैं। इसलिए टिकट पर उनकी दावेदारी पक्की है। यहां एक खबर बाहर से उम्मीदवार लाने की भी चल रही है बहरहाल अंतिम फैसला क्या होगा, यह देखने की बात है।

कांग्रेस हैरान मगर बसपा क्यों परेशान

चुनाव में कांग्रेस से टिकट की आस रखने वाले नेता व दर्जा प्राप्त मंत्री नर्वदेश्वर शुक्ल, पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम, कांग्रेस नेता अरशद खुर्शीद व सच्चिदानंद पांडेय आदि की परेशानी यह है कि सपा से समझैते में सह सीट सपा के खाते में चली गई है। मगर बसपा इसलिए परेशान है कि उसके दल से कोई टिकट मांगने वाला ही नहीं है।

दरअसल पिछले चुनावों तक बसपा से टिकट मांगने के लिए नेताओं की कतारें लगतीं थी। मगर बसपा मुखिया मायावती कि तमाम राजनीतिक गलतियों के कारण उनकी साख इतनी गिर गई है कि अब किसी को उनके जनाधार पर भरोसा ही नहीं रहा। यहां से मुहम्मद मुकीम साहब बसपा से सांसद वचुने जा चुके हैं। इस पर मुस्लिम नेता उनके पास इसलिए नहीं फटक रहे कि वह भाजपा समर्थक के रूप में बदनाम हो गई हैं। तो अब ब्राह्मण समेत अन्य प्रभावशाली जाति के लोग नेतागण भी यह समझ चुके हैं कि अब उनके पास मात्र 13 फीसदी वोट ही रह गया है। जबकि पहले उनका वोट 19 से 29 फीसदी के बीच रहता थ। यही कारण है कि जिले के कई बसपा नेता अब खुद घूम घूम कर उम्मीदवार तलाश रहे हैं। अब बसपा की एक मात्र उम्मीद सपा के एक संभावित बागी नेता पर टिकी है।

कुल मिला कर हालत यह है कि अब लड़ाई सपा और भाजपा के बीच ही होनी है। ऐसे में इन दोनों दलों द्धारा चयनित उम्मीदवार ही चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

 

 

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