मिल गई गायब पूनम, भगाने के आरोप में शुभम गिरफ्तार, मगर पुलिस की थ्यौरी पर यकीन नहीं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। घर से कालेज जाने के बाद अचानक गयब हुई छात्रा पूनम मिल गई। पुलिस ने पांच दिन में उसे ढूंढ निकाला और एक लड़के के साथ पकड़ा फिलहाल शुभम नामक युवक को जेल भेज दिया गया है। बकौल शोहरतग़ढ़ पुलिस पूनाम के साथ पकड़ा गया युवक पूनम (काल्पनिक नाम) को अपहृत कर कहीं दूर ले जाने के प्रयास में था। लेकिन सारा मामला इतना रहस्यमयी है कि लड़की को बहला फुसला कर भगाने वाली कहानी के बजाये प्रेम प्रकरण की थ्यौरी कुछ अधिक विश्वसनीय लगती है।
15दिसम्बर शुक्रवार को शोहरतगढ़ उपनगर की रहने वाली एक महिला ने थाना मुकामी पर तहरीर दिया कि उसकी पुत्री पूनम गुरुवार को पढ़ने के लिए उपनगर के इंटर कालेज गयी थी, मगर छुट्टी के बाद वह घर नहीं आयी। इसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में लग गई। अचानक 19 दिसम्बर दिन मंगलवार को पलिस ने दावा किया कि पूनम को भगा कर ले जा रहे शोहरतगढ़ के शिवनगर मुहल्ला निवासी युवक शुभम उर्फ मंटू के साथ पकड़ लिया है।नाबालिग पूनम को भगा कर ले जाने के आरोप में गिरफ्तार शुभम को पूछताछ के बाद न्ययालय की अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
हालांकि पुलिस ने पूनम को तलाश कर शुभम को जेल भेज दिया है मगर इस थ्यौरी लोग मुश्किल से यकीन कर रहे हैं। पूनम १८ साल से कम उम्र की होने के कारण कनून की नजरों में नाबलिग हैं।इसलिए मुलजिम ही कसूरवार होगा, मगर उपनगर में चर्चा है कि मामला जबरन भगाने का नहीं बल्कि प्रेम प्रकरण का है। पूनम कानूनन बालिग भले न हो मगर १६ यसाल की उम्र में इतनी तो समझदार थी ही कि वह बीच शहर से अपहृत नही की जा सकती न ही उसे एक झटके में बहलाया फुसलाया जा सकता है।
वैसे भी दोनों के पक़ड़े जाने की जगह की जगह पुलिस ने शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन के करीब बताया है। बता दें कि रेलवे स्टेशन के पास कोई निर्जन जगह नहीं हैं। इसलिए उसे छुपा कर नहीं रखा जा सकता। हालात बताते हैं कि वह आपसी सहमति से शुभम के साथ रही होगी। यहां यह लिखने का अर्थ दोषी के पक्ष में खड़ा होना नहीं है बल्कि ऐसे मामलों की सच्चाई की तह में जाना है। आमतौर पर ऐसे मामलों में मां बाप तहरीर दे देते हैं और पुलिस द्धारा पकड़ने पर लड़की के नाबालिग होने की दशा में लड़के को जेल भेज देती है। कई बार लड़का तो सजा पा जाता है मगर उस लड़की का क्या, जिसकी प्रेरणा पर ल़ड़का गैरकानूनी कदम उठा लेता है।जिले में आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत हुए दर्ज मामलों में अनेक ऐसे ही मिलते हैं।