सपा में विनय शंकर को मिलेगी बड़ी भूमिका, कुशल तिवारी को श्रावस्ती  लोकसभा सीट से उतारने के संकेत

December 15, 2022 1:24 PM0 commentsViews: 554
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अजीत सिंह

गोरखपुर। पूर्वांचल के चर्चित ब्रामण नेता व पूर्वमंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्रविनय शंकर तिवारी को समाजवी पार्टी में शीघ्र ही कोई बड़ पद दिया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सपा में ब्राह्मणों को जोड़ने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है। क्योंकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण समाज में हरिशंकर तिवारी की गहरी पैठ मानी जाती है। वे निर्विवाद रूप से यहां ब्राह्मणों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं।

सूत्रों का कहना है कि हाल में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की सपा अध्यक्ष अखिलेश से मैनपुरी चुनावों में गहरी मुलाकात हुई थी। उस चुनाव में विनय शंकर को मैनपुरी के ब्राह्मणों के बेल्ट में लगाया गया था।  जहां ब्राह्मण बाहुल्य मैनपुरी व भोगांव क्षेत्र के ब्राह्मणों ने सपा के पक्ष में जम कर वोट दिया। इससे विनय शंकर और अखिलेश यादव में नजदीकियां बढ़ गईं और दोनों में पारस्परिक विश्वास बढ़ा।  यह देख कर पूर्वांचल का तिवारी विरोधी खेमा भी सन्न देखा जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कितिवारी परिवार की राजनीतिक लोकप्रियता और विनय शंकर की कर्मठता से अखिलेश यादव का इस परिवार के प्रति काफी विश्वास बढ़ा है।इस बीच यह पता चला है कि पार्टी में ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए विनय शंकर तिवारी को किसी नई भूमिका में लाया जा सकता है। यही नहीं पार्टी ने विनय शंकर के ब़ड़े भाई व पूर्व सांसद कुशल तिवारी को श्रावस्ती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने के लिए भी संकेत दिए गये हैं।

याद रहे कि पिछली विधानसभा में विनय शंकर बसपा से विधयक थे। वह चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे, मगर चिल्लूपार विधानसभा सीट पर भाजपा से चुनाव हार गये थे। चुनाव बाद अखिलेश यादव व विनय शंकर में नई केमिस्ट्री बनी, जिसके बाद सपा ने पार्टी में विनय शंकर की भूमिका को बढ़ाने तथा ब्राह्मणों में उनके माध्यम से पैठ बढ़ाने का मन बनाया है। अब देखा हैकि सपा की यह रणनीति भविष्य में कितनी कारगर होती है?

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