केन्द्रीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, बच्चों को झेलनी पड़ रही है असुविधाएं
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली के रुप में प्रसिद्ध सिद्धार्थनगर जिले में केन्द्रीय विद्यालय दो वर्षो से उधार के भवन में संचालित है। यहां पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चों को तमाम असुविधा झेलनी पड़ रही है। समस्याओं के चलते यहां के बच्चे देश के अन्य जिले के केन्द्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों से पिछड़ रहे हैं।
27 फरवरी 2014 को जब सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय का उदघाटन हुआ था, तो यहां के लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर तमाम सपने बुनने लगे थे। उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ही यहां पर भी केन्द्रीय विद्यालय का अपना भवन होगा। जिसमें उनके बच्चों को तमाम हाईटेक तरीके से शिक्षित किया जायेगा। आज दो साल से अधिक का समय बीतने को है,मगर केन्द्रीय विद्यालय को न तो अपना भवन नसीब हुआ, न ही मानक के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं।
केन्द्रीय विद्यालय जिस भवन में संचालित हो रहा है, उसमें न तो पीने का शुद्ध पानी की व्यवस्था है और न ही लाइट कटने पर जनरेटर की सुविधा है। यहां पर बच्चों की सुरक्षा के लिए विद्यालय में बाउन्ड्रीवाल नहीं है। इसके अलावा उधार के भवन में संचालित होने के कारण अभी तक यहां पर केन्द्रीय विद्यालय का मानक ही पूरा नहीं हो पा रहा है। कान्ट्रेक्ट पर स्थानीय शिक्षित युवकों से शैक्षणिक कार्य लिया जा रहा है।
इस बारे में विद्यालय के प्रिसिपल नागेश सिंह का कहना है कि केन्द्रीय विद्यालय के लिए भूमि की व्यवस्था हो चुकी है। अब वह दिन दूर नहीं है जब यहां पर भी हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने कहा कि कान्टेªक्ट पर रखे गये टीचरों को भी जांच- परख कर रखे गये हैं। शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा रहा है।