प्रेस क्लब चुनाव है या मेंढक तौलने की कवायद, दावतों, कानाफूसियों का दौर
एम सोनू फारूक
प्रेस क्लब चुनाव के प्रत्याशी संतोष श्रीवास्तव और एम पी गोस्वामी
“मेंढक को तौलना मुश्किल है लेकिन पत्रकारों के मन थाह लेना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। सिद्धार्थनगर प्रेस क्लब के चुनाव में कुल 92 पत्रकार वोटर हैं, लेकिन क्या मजाल है कि उम्मीदवार उनके मन की थाह ले पायें। वोटर अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवारों को नये-नये तरीको से घुमा रहे हैं। प्रत्याशी भी दावतों के ज़रिये अपने भाईयों को लुभाने में जुटे हैं, मगर किसी को भरोसा नहीं कि कौन वोट किधर जायेगा। कानाफूसियों ने दोनों उम्मीदवारों की नींद हराम कर रखी है”
सिद्धार्थनगर प्रेस क्लब का चुनाव 31 अगस्त को होगा। अध्यक्ष को छोड़ शेष सभी पद पर लोग निर्विरोध चुन लिए गए हैं। सिर्फ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। इस पद के लिए स्वतंत्र चेतना के प्रभारी एम.पी.गोस्वामी और दैनिक जागरण के स्टाफर संतोष श्रीवास्तव के बीच सीधा मुकाबला है।
दोनों प्रत्याशी वोटरों को रिझाने में लगेे हैं, मगर पत्रकार भाई खाओ सबका, गाओ अपनी मर्ज़ी वाले तर्ज पर चल रहे हैं। आज-कल शहर का हमसफर ढाबा, होटल सत्कार, सूचना विभाग व जमशेद कटरे में खाने से लेकर अल्पाहार का दौर जारी है। जो भोजन या अल्पाहार में शामिल होने से वंचित होता है, कानाफूसी कर कोई ना कोई अफवाह फेंक देता है, नतीजे में दूसरे दिन उसकी दावत पक्की हो जाती है।
चुनाव में बिरादरीवाद के नारे भी है। चित्रांश बनाम विप्र अस्मिता का सवाल बेहद चर्चा में है। लेकिन सुखद बात यह है कि पत्रकारों की नज़र में इस नारे की कोई अहमियत नहीं है। वोट तो सब देंगे अपनी मर्जी से ही , मगर एक मौका है तो खाने-पीने से क्यों चूकें? फिलहाल दोनो उम्मीदवार मेंढक तौलने के अभ्यास में जुटे है, अंजाम तो 31 अगस्त को ही पता चलेगा।