विवादित खबरों के चलते दो चैनलों के जिला रिपोर्टर बर्खास्त, आईडी वापस ली गई?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। एक राजनीतिज्ञ को माफिया का सम्बोधन देने और उनके परिवार पर निजी आरोप लगाने के आरोप में न्यूज स्टेट और भारत समाचार चैनल के जिला रिपोर्टरों को बर्खास्त कर दिये जाने की खबरें हवा में तैर रही हैं। हालांकि कि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन उक्त चैनल के हेडआफिस में काम करने वाले वरिष्ठजन उन दोनों के हटाये जाने की बात निजी रूप से स्वीकार रहे हैं। खबर है कि उनकी आईडी वापस ले ली गई है?
न्यूज स्टेट के रिपोर्टर ओमेर अहमद और राशिद फारूकी ने जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वरिष्ठ राजनीतिज्ञ मुमताज अहमद पर माफिया होने सहित तमाम गंभीर आरोप लगाये थे। जिसमें उनके परिवार को भी घसीटा गया था। इस पर मुमताज अहमद ने दोनों पत्रकारों व उनके चैनलहेड को कानूनी नोटिस दी गई थी। समझा जाता है कि चैनल को नोटिस मिलने के बाद हेडफिस द्धारा यह कदम उठाया गया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुमताज अहमद ने ओमेर और उनके भाइयों के जमीन के कारोबार में धोखाधड़ी की शिकायत की थी और उसकी जांच भी शुरू हो गई थी। मुमताज अहमद का कहना है कि इसी के बाद दोनों चैनलों के माध्यम से उनके चरित्रहनन की कोशिश की गई, जबकि इस विषय में ओमैर के बड़े भाई इकबाल अहमद का कहना है कि दरअसल शिकायत के माध्यम से मुमताज अहमद उनका भयादोहन करना चाह रहे थे। बहरहाल इस विवाद की असली सच्चाई क्या है यह जांच के बाद साबित हो जायेगी।
गिरती जा रही पत्रकारों की गरिमा?
सिद्धार्थनगर जनपद में पिछले एक दशक में पत्रकारों की गरिमा को बुरी तरह चोट पहुंची है। इस दौरान तथाकथित पत्रकारों के अनेक काले कारनामे प्रकाश में आ चुके है। यहां के कुछ पत्रकार हत्या और राहजनी जैसे दुर्दांत अपराधों में जेल तक काट चुके हैं। कई पत्रकारों की सार्वजनिक रुप से पिटाई भी हो चुकी है। कुछ ग्राम प्रधान जैसे सामान्य राजनीतिज्ञों के हाथों अपमानित हो चुके हैं, लेकिन पत्रकारों के एक वर्ग में कोई सुधार नहीं देख गया। इन तथाकथित पत्रकारों की हरकतों से मुख्यधारा के पत्रकार भी काफी परेशान और बेचैन हैं। कई लोग तो ऐसे पत्रकारों की गंभीरता से जांच की मांग की बात भी करने लगे हैं।