सूदखोरों का कर्ज न दे पाने के चलते गई युवा प्रिंस की जान, पत्नी व तीन अबोध बच्चे बेसहारा
28 साल की पत्नी गायत्री कैसे कटेगा वैधव्य, पांच व तीन साल की बेटी जाहन्वी व वैष्णवी और दो माह के दुधमुहे बेटे कार्तिक का छिन गया सहारा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सूदखोरी के चलते उपनगर बांसी के गांधीनगर में युवा प्रिंस की खुदकुशी से आसपास के लोगों में सूदखोरों के प्रति जबरदस्त आक्रोश है। 30 साल के इस युवा के जान देने के बाद जिस तरह उसके तीन अबोध बच्चे अनाथ हुए है, उससे पूरा उपनगर व्यथित दिखता है और इन सूदखोरों पर थू थू कर रहा है। तीन अनाथ बच्चों व उसकी पत्नी का ळाविष्य क्या बनेगा, यह एक अहम सवाल है। पुलिस इस मामले में चार के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उन्हें तलाश रही है। उसने सूदखोरों की वसूली नीति से तंग आखिर गुरूवार की रात खुद को फांसी लगा कर जान दे दी थी।
मृतक प्रिंस कोरोना के लाकडाउन से पहले कस्बे में लकड़ी फर्नीचर की दुकान करता था। लाकडाउन लगने के बाद वह घर पर बैठा रहा, इस दौरान धीरे-धीरे घर खर्च में उसकी पूंजी समाप्त हो गई। इसके बाद वह परिवार के जीविकोपार्जन के लिए घर पर किराना व बच्चों के टॉफी चिप्स आदि की दुकान कर रहा था। इसी दौरान उसने बहन की शादी में कछ और कर्ज लिया। इस प्रकार वह दो दो कर्जा ढोने लगा। बाद में मेहनत मशक्कत कर उसने एक कर्जे को उतार भी दिया, मगर दूसरा कर्जा उतरने केलिए पड़ने वाले दबाव से वह काफी परेशान था। बताते हैं कि कर्जे का सूद बढ़ते बढ़ते कई लाख की रकम हो गई थी। बताते हैं कि कर्जा देने वाले सूदखोर रोज उसके घर आकर अपना बकाया वसूलने का दबाव बन रहे थे। कर्ज में डूबा प्रिंस दबाव झेल न पाया और गुरुवार रात 10 दस बजे उसने अपने कमरे में फांसी लगा कर जान दी।
दुधमुंहे बेटे व बेटियों का भी नहीं आया ध्यान
कर्ज में डूबे प्रिंस ने तो एक झटके में अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय ले लिया, लेकिन उसे अपने दो माह के दुधमुंहे बेटे कार्तिक, दो नन्हीं बेटियों 5 व 3 साल की वैष्णवी, जाहन्वी और 28 वर्षीय पत्नी का ध्यान नहीं रहा। घटना के दिन से पत्नी गायत्री राते-रोते बेसुध हो जा रही है। बच्चियां मां को बार बार रोता देख पूछ रही है क्यूं रो रही हो, पापा कहां हैं। कस्बा वासी सुनील कहते हैंकि बच्चों का ख्याल आता कहां से? सूदखोरों ने तो उसके दिमाग में आतंक का जहर फैला रखा था। फिलहाल ससुराल में अबोध बच्चों के अलावा उसका उसकी पत्नी गायत्री को कोई ढांढस बंधाने वाला अपना भी नहीं है। गायत्री की व्यथा देख कर हर किसी की आंखें भीग जा रही हैं।
3.5 लाख रुपये का कर्जदार था प्रिंस
मृतक प्रिंस की पत्नी गायत्री ने बताया कि उसकी जानकारी में उसके पति कुल तीन लाख पचास हजार रुपये के कर्जदार थे। गायत्री ने बताया कि उसके पति ने एक व्यक्ति से जमीन बेचने के लिए दो लाख रुपये बतौर बयाना लिया था तथा कुछ लोगों से डेढ़ लाख रुपये ब्याज पर कर्ज लिए थे। जो अदा नहीं हुआ था और यह लोग बार बार उसके घर आकर रुपये वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
बांसी के कोतवाल ने कहा
इस बारे में बांसी के कोतवाल बिंदेश्वरी मणि त्रिपाठी ने बताया कि सूदखोर इसी क्षेत्र के चार लोग हैं। पलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज क रलिया है और गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।