अभिभावकों की जेंब पर डाका डाल रहे बिना मान्यता वाले विद्यालय
संजीव श्रीवास्तव
शासन ने बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रति सख्ती से निपटने के लिए शिक्षा विभाग को कड़ा निर्देश दे रखा है, वावजूद सिद्धार्थनगर में बिना मान्यता वाले स्कूल संचालकों में कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। ऐसे विद्यालय अभिभावकों की जेंब पर हर माह डाका डाल रहे हैं, मगर कोई बोलने वाला नहीं है।
ऐसे विद्यालयों में हर माह कम्प्यूटर, खेलकूद आदि तमाम ऐसे मदों का शुल्क लिया जाता है, जिसका शायद ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का लाभ मिलता हो। जनपद मुख्यालय पर तमाम स्कूल ऐसे हैं, जहां न तो कम्प्यूटर है और न ही खेल का मैदान, फिर भी बच्चों के परिजनों से इस मद में फीस वसूला जा रहा है।
हैरानी की बात यह है कि बिना मान्यता वाले स्कूलों में पढ़ रहे अधिकांश बच्चों का वास्तविक नामांकन किसी अन्य विद्यालय में होता है। ऐसे स्कूल कुछ मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संरक्षण चलते हैं और उन्हें बाकायदा इसके लिए हर माह रकम देते हैं। इस बात की जानकारी बच्चों को तब हो पाती है, जब उन्हंे परीक्षा हेतु अन्य विद्यालय से जारी प्रवेश पत्र मिलता है।
बडे़ बड़े बोर्ड, पोस्टर व स्कूल वाहन तथा आधुनिक शिक्षा के नाम पर अभिभावकों की जेब ढीली कर मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। लेकिन विभाग के जिम्मेदार सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं। विभाग के इस नाकामी के पीछे सुविधा शुल्क की बात की चर्चांए हैं।
इस सिलसिले में बेसिक शिक्षाधिकारी अजय सिंह का कहना है कि ऐसे विद्यालयों के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जायेगा।