अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा मनाई गई पृथ्वीराज चौहान की 860 वीं जन्मदिन
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जनपद इकाई महराजगंज के तत्वावधान में तहसील फरेंदा, ब्लॉक बृजमनगंज के ग्राम सहजनवा बाबू के प्राइमरी पाठशाला परिसर में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की 860 वीं जन्मदिन उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित कर मनाई गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संरक्षक राधेश्याम सिंह एवं संचालन जिला महामंत्री ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री रणबीर सिंह एवं मुख्य वक्ता कालिका सिंह मौजूद रहे। बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि चौहान वंश में जन्मे पृथ्वीराज आखिरी हिंदू शासक थे जिनका जन्म 1 जून 1163 को गुजरात में हुआ था। महज 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के पश्चात दिल्ली और अजमेर का शासन संभाला और उसे कई सीमाओं तक फैलाया भी। पृथ्वीराज को राय पिथौरा भी कहा जाता था, वह बचपन से ही एक कुशल योद्धा थे तथा युद्ध के अनेक गुण सीखे थे।
बाल्यकाल से ही शब्दभेदी बाण विद्या का अभ्यास उन्होंने किया था जिसे वे चलाना जानते थे। उनका युद्ध मोहम्मद गोरी से कई बार हुआ था जिसमें 17 बार विजई हुए अंतिम बार में हारने के पश्चात मोहम्मद गोरी ने उन्हें बंदी बना कर अपने राज्य ले गया तथा उनकी दोनों आंखों को सूजे द्वारा भोंककर अंधा बना दिया था, उनके साथ उनके परम मित्र चंद्रवर दाई भी बंदी थे। मोहम्मद गोरी पृथ्वीराज चौहान के शब्दभेदी बाण की परीक्षा लेना चाहता था जिस पर उन्होंने चंद्रवरदाई को परीक्षा के लिए आदेशित किया।
अवसर पाकर चंद्रवरदाई ने अपने शब्दों के माध्यम से सम्राट पृथ्वीराज चौहान को संबोधित करते हुए कहा कि ”चार बांस चौबीस हाथ अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूको चौहान” इतना सुनते ही पृथ्वीराज चौहान ने अपने बाण से मोहम्मद गोरी का वध कर दिया तथा चंद्रवरदाई एवं पृथ्वीराज चौहान दोनों लोग एक दूसरे को कटार मार कर अपना जीवन समाप्त कर लिए। ऐसे वीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान को देश शत-शत नमन करता है।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री रणबीर सिंह, मुख्य वक्ता कालिका सिंह, संजय सिंह, रामसेवक सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, अनिल सिंह, अखिलेश सिंह, रमेश सिंह, शिवराम सिंह, अजय कुमार सिंह, किशन सिंह, अनूप सिंह आदि बहुत से लोग उपस्थित रहे।