पर्यावरण की अलख जगाने महाराष्ट्र से निकले सिद्धार्थ गनई ने बच्चों को दी सीख
– सिद्धार्थनगर में सिद्धार्थ गनई का जगह-जगह स्वागत
– एक-एक पौध लगाने के संकल्प को आगे बढ़ाने में जुटे
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। महाराष्ट्र से पैदल चलकर पर्यावरण की प्रति जागरूक करने के लिए 23 वर्षीय सिद्धार्थ गनई का जिले के विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया। इस मौके पर दो स्कूलों में आयोजित कार्यक्रम में सिद्धार्थ ने पर्यावरण संकट से होने वाले नुकसान और निजात पाने के उपाय पर विस्तार से जानकारी दी।
बुधवार को महर्षि दयानंद जूनियर हाईस्कूल सनई और ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल दतरंगवा में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र से बीते 60 दिनों में पैदल चलकर पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने के प्रति समाज को जागरूक करते हुए जिले में पहुंचे। ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सिद्धार्थ गनई ने कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट से मची हाहाकार का जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि पेड़-पौधे धड़ल्ले से नष्ट किए जा रहे हैं। प्लास्टिक के सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। इससे मानव जीवन पर बहुत बड़ा संकट आने वाला है। समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लेना होगा। स्कूल के बच्चों ने स्वयं के साथ अभिभावकों को एक पौध लगाने का आश्वासन दिया। अंत में बच्चों के साथ स्कूल परिसर में दो पौध का रोपण भी हुआ। आभार प्रबंधक सुनील चौबे ने जताया।
संचालन नितेश पांडेय ने किया। क्रीड़ा भारती गोरक्ष प्रांत के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार प्रजापति, सिद्धार्थ प्रेस क्लब के अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव, अधिवक्ता प्रदीप नाथ त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किया। अंबेश उपाध्याय, सन्नी उपाध्याय, निहाल पांडेय, सरिता चौबे, त्रियंम चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।