सड़क की बदहाली से जिला हेडक्वार्टर के लोग परेशान
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। बहुचर्चित एनएच-27 पर पोखरभिटवा मोड़ से बेलहिया चौराहे तक निर्माणाधीन सड़क पर कार्य की गति अभी भी धीमी है। जबकि अभी 18 नवम्बर को इस मसले को लेकर स्थानीय नागरिकों को रास्ता जाम किया था। इस दौरान नागरिकों से प्रशासन ने एक सप्ताह में कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया था।
लगभग 1 किमी की यह सड़क अरसे से विवादों के कारण सूर्खियों में है लगभग 4 साल से सड़क के ऊचीकरण के नाम पर गिट्टी, मिट्टी पाटकर सड़क को ऊंचा कर दिया गया, मगर पेटिंग का काम आज भी शुरू नहीं हो पाया। इस मसले को लेकर नागरिकों ने कई बार आन्दोलन किया हर बार अफसरों द्वारा एक सप्ताह का समय मांग कर आन्दोलनों को दबा दिया गया।
मालूम हो की 18 नवम्बर को भी नागरिकों ने लगभग 4 घंटे तक रास्ता जाम किया था। जिसे बाद में पुलिस ने लाठी भांज कर जबरन समाप्त करवा दिया। इस मामले में आधा दर्जन लोगों पर गम्मीर धाराओं का मुकदमा भी लिख दिया गया, मगर सड़क पर आन्दोलन के 5 दिन बाद भी काम नहीं शुरू हो पाया।
इस सड़क पर चलने वाला हर राहगीर धूल से पट जाता है। स्थानीय नागरिकों का और भी बूरा हाल है। यहां के रहने वाले कई लोग सांस की बिमारी से जूझ रहे हैं। यह सब सड़क से उड़ने वाले धूल के कारण ही है। व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
इस मामले में कई नागरिकों का कहना है कि प्रशासन ठेकेदार के पहुंच को जानता है वह ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। उल्टे जो नागरिक आन्दोलन कर रहे हैं। उन पर मुकदमा चला कर उनकी आवाज दबाने का कार्य कर रहा है। कई नागरिकों ने बताया कि जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है। उसमें से अधिकांश छात्र हैं। उन पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस उन्हें आपराधी बनाने का कार्य कर रही है।
विधान सभा अध्यक्ष से मिलें नागरिक
गत दिवस बुद्ध विद्या पीठ डिग्री कालेज में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आये, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय से दर्जनों नागरिकों ने मुलाकात कर छात्रों पर दर्ज मुकदमें को वापस लेने की मांग की थी। जिस पर मौके पर मौजूद पुलिस क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष को बुलाकर विधासभा अध्यक्ष ने मुकदमा वापस लेने को कहा था।
इस सम्बन्ध में थानाध्यक्ष सिद्धार्थनगर से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी तक मुकदमा वापस नहीं हुआ है।