नागरिक बोले! क्या दबंग के सामने प्रशासन ने भी टेंक दिए हैं घुटने ?
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। दो वर्ष से अधिक समय से सिद्धार्थनगर जनपद मुख्यालय के हाईडिल तिराहे से ग्राम पोखरभिटवा मोड तक सड़क निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। इसे लेकर स्थानीय नागरिक अब प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
ग्राम पोखरभिटवा निवासी अब्दुल मोईद खान कहते हैं कि इस सड़क पर रोज कोई न कोई दुर्घटना हो रही है। जिसमें किसी का हाथ टूट रहा है तो किसी का पैर और तो और इस सड़क पर सांसद, विधायक से लगायत डीएम, एसपी सभी के वाहन फर्राटा भरते है, मगर किसी को यह सड़क क्या दिखायी नहीं देती? या फिर शासन-प्रशासन जिस व्यक्ति की कांस्ट्रक्शन कंपनी को सड़क निर्माण का जिम्मा दिया गया है, उसकी दबंगई से भयभीत है। अगर ऐसा है, तो ऐसे डरपोक व्यक्तियों को तत्काल जिम्मेदारी वाला पद त्याग देना चाहिए।
हुसेनगंज निवासी डा. राधेश्याम पांडेय भी प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यहां रहने वाला हर शख्स सड़क से उड़ने वाली धूल से सांस संबंधी रोग से पीड़ित हो गया है और प्रशासन सबकुछ जानकर भी अंजान बना है। आखिर दो वर्षो से वह क्यों इस मसले पर चुप बैठा है? यह सवाल भी नागरिकों के लिए यक्ष प्रश्न बन गया है।
ग्राम दतरंगवा के अनुराग गोयल, बेलहिया मुजाहिद अहमद और हुसेनगंज के श्याम सुंदर अग्रहरि कहते है कि इस सड़क की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। चाहे सांसद, विधायक हो या फिर डीएम व एसपी, मगर कोई भी इस सड़क को लेकर अपना मुंह नहीं खोल रहा है। आखिर ऐसा क्यों हैं ?
मालूम हो कि एनएच 730 के निर्माण का जिम्मा पूर्वाचल के एक सशक्त व्यक्ति के कांस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। दो वर्ष पूर्व उसने हाईडिल तिराहे से पोखरभिटवा मोड़ तक सड़क को ऊंचा करने का कार्य शुरु किया। इसके लिए पहले सड़क पर मिटटी डाली गयी, उसके बाद उस पर गिटटी डाल कर छोड़ दिया गया।