सिद्धार्थनगरः टूटी सड़कों के चलते प्रतिमाह जान देते हैं औसतन सात मुसाफिर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में सड़कें जानलेवा बन चुकी हैं। बड़े बड़े गडृढों से उछलने और सड़क की गिटिृटयों पर दुपहिया वानों के फिसलने से होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में हर माह औसतन सात लोगों की जान चली जाती है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन सालों में जिले में होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में 231 लोगों की मौत हुई और तकरीबन 3सौ लोग घायल हुए। इनमें साल 2013 में 125 हादसों में 80 मरे और 92 घायल हुए।
इसी प्रकार 0र्ष 2014 मे 112 हादसों में 74 की मौत हुई औश्र 102 घायल हुए। साल 2014 में रोड एक्सीडेंट की 115 घटनाएं हुईं, जिनमें 78 की जान गई और 117 जख्मी हुए। इनमें दो दर्जन से अधिक लोग विकलांग भी हुए।
इनमें अपवादों को छोड़ दें तो, अधिकतर हादसे गडृढों की वजह से गाड़ियों के पलटने या गिटिृटयों के कारण वाहनों का पलटने अथवा सामने के वाहनों से टकराने से हुए।
वर्तमान में सिद्धार्थनगर-बस्ती, बांसी-डुमरियागंज, पकड़ी-जोगिया, नौगढ़-बढनी, डुमरियागंज-भड़रिया व डुमरियागंज-उतरौला जैसे प्रमुख मार्गों की हालत खस्ता है। आम तौर पर दुर्घटनाएं भी इन्हीं मांर्गों पर होती हैं।
इस बारे में अधिशासी अभियंता पी के गुप्ता का कहना है कि खराब सड़कों की दशा बदलने के लिए शासन तेजी से कदम उठा रहा है। कई मार्गों की मरम्मत शुरू कर दी गई है। उनका कहना है कि सारी मौतों का कारण केवल खराब सड़कें ही नहीं अन्य कारण भी हैं।
यह हैं जिले के डैंजर प्वाइंट
सिद्धार्थनगर की सड़कों में कुछ स्थान डेंजर प्वाइंट के रूप् में जाने जाते हैं। इन्हीं प्वाइंटस पर आम तौर पर हादसे अधिक होते हैं। अगर आपको सफर करना है तो उन स्थलों को ध्यान में रखना पड़ेगा।
नौगढ़-बस्ती मार्ग पर बांसी के निकट सोनखर गांव का हिस्सा डैंजर प्वाइंट के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा सिद्धार्थनगर-गोरखपुर रोड पर परसा महापात्र के पास तथा बर्डपुर रोड पर ग्राम घोसवा और मेखड़ा पुल को डैंजर प्वाइंट माना जाता है। अधिकतर दुर्घटनाएं इन्हीं क्षेत्रों के आस पास होती हैं। इसके अलावा डुमरियागंज के बिथरियाए बांसी के महोखवा शोहरतगढ के बानगंगा नये डैंजर प्वाइंट के रूप में चर्चित हो रहे हैं।