यूपी को बांट कर राम राज्य प्रदेश बनाने की उठी मांग, अयोध्या बने प्रदेश की राजधानी
पहली बार स्व. राम शंकर मिश्र ने उठाया था शक्य प्रदेश के निर्माण की मांग, वह चाहते थे कि नये प्रदेश की राजधानी बने सिद्धार्थनगर
नजीर मलिक
उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल क्षेत्र के पांच मंडलों को मिला कर एक नया प्रदेश बनाने की आवाज एक बार फिर सिद्धार्थनगर जिले से उठनी शुरू हो गई है। पहले इस मांग को जिले के शिक्षाविद् व दर्जन भर शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक पंडित राम शंकर मिश्र उठाया करते थे। उन्हीं की आवाज पर इस जनपद का गठन सिद्धार्थनगर के नाम से हुआ था। उनके निधन के बाद कुछ वर्षों तक यह मांग दबी सी रही। परन्तु इस बार एक राजनीतिक संगठन में बाकायदा इस मांग को उठाया गया तथा यूपी का एक और विभाजन करने की मांग उठाई गयी।
स्व.मिश्र और राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी की मांग में एक मूल भूत अंतर है। गौतम बुद्ध के पिता की की राजधानी और राज कुमार सिद्धार्थ की क्रीड़ा स्थली यहीं पर होने के कारण 70 के दशक में स्व. राम शंकर मिश्र नये प्रदेश को शाक्य प्रदेश का नाम देना और सिद्धार्थनगर को उसकी राजधानी बनाना चाहते थे परन्तु राष्ट्रीय जनक्राति पार्टी ने इसे राम राज्य प्रदेश का नाम देने की मांग किया है। पार्टी के अनुसार उसने नवसृजित प्रदेश की राजधानी अयोध्या बनाये जाने की मांग उठायी है। जानकार बता रहे हैं कि संभवतः यह सरकार को अपनी मांगों के प्रति आकर्षित करने के लिए किया गया है। क्योंकि वर्तमान सरकार रामराज्य को राजनीति में सर्वोच्च आदर्श मानने वाली सरकार कही जाती है।
राजपा सम्मेलन में उठी मांग
जिला मुख्यालय स्थित एक होटल में राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में बृहस्पतिवार को पूर्वांचल का एक नया प्रदेश बनाने की मांग की गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत चौधरी ने कहा कि पूर्वांचल के पांच मंडलों बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, देवीपाटन और फैजाबाद को जोड़कर नए प्रदेश का गठन होना चाहिए। उसका नाम रामराज्य प्रदेश होना चाहिए और उसकी राजधानी अयोध्या हो। इन पांच मंडलों में विधानसभा की कुल 107 सीटें और लोकसभा की 20 सीटें हैं जो एक नया राज्य बनाने के लिए पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारी पार्टी हर फोरम पर आवाज उठाएगी और हर हाल में रामराज्य प्रदेश बनवा कर ही दम लेगी। भाजपा अगर भगवान राम के प्रति सच्ची निष्ठा रखती है तो उसे रामराज्य प्रदेश बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक अलग राज्य नहीं बनेगा, पूर्वांचल का विकास संभव नहीं है।
हेमंत चौधरी ने प्रदेश में जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया। कहा कि जातीय जनगणना से जाति के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकान बंद हो जाएगी। इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव शेषमणि प्रजापति, अशोक चौधरी, प्रवक्ता श्याम त्रिपाठी, कमर काजमी, दुर्गेश श्रीवास्तव, अनिल चौधरी, राधेश्याम तिवारी सहित तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।