सलाम तेरी हिम्मत कोः राप्ती में कूदी युवती, मगर एक युवक ने पुल से कूद कर किस तरह बचा लिया?

October 3, 2024 1:28 PM0 commentsViews: 892
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जिले की राप्ती नदी इस समय पूरे ऊफान पर है और डैंजर लेबिल के पार भी। ऐसे में अगर कोई जान देने के इरादे से नदी में कूदे तो नदी के तेज धारे में कूदने वाले को  बचाने का साहस कोई नहीं कर सकेगा। लेकिन बुधवार को हिम्मत और बहादुरी की एक ऐसी ही घटना घटी। डुमरियागंज कस्बे में राप्ती पुल से एक 17-18 साल की युवती उफनती नदी में कूद गई।  लोग उसका कूदना देख असहाय होकर चिल्लाते रहे। तभी एक युवक उस नदी में कूछ और नदी के तेज लहरों में डूब रही लड़की को खींच कर बाहर ले आया।  आज उस युवक की के साहस की चर्चा कहीं नहीं है, जबकि उसकी हिम्मत को सलाम करते हुए उसका अभिनंदन होना चाहिए था।

बहादुर युवक राम रक्षा

बुधवार पूर्वान्ह खुनियांव ब्लॉक क्षेत्र के धोबहा मुस्तहकम गांव की 18 वर्षीया एक लड़की घर से किसी बात से नाराज़ होकर जान देने के इरादे से डुमरियागंज स्थित राप्ती नदी पर आई और कुछ देर तक घूमने के बाद अचानक पुल के पश्चिम श्मशान घाट के पास जाकर राप्ती नदी में छलांग लगा दी। इस दौरान उसको डूबता देख वहां मौजूद सारे लोग असहाय होकर चीख पुकार मचा रहे थे। शोर सुन कर एक युवक वहां आया और हालात जानते ही अपनी जान पर खेल कर उसे बचाने के लिए खुद ही नदी में कूद गया, नदी उफान पर थी और उसकी धार व बहाव भी तेज थी, युवक कुशल तैराक था, फलतः वह बाढ़ के तेज बहाव से बचते हुए लड़की को बाहर खींच लाया, जिससे उस लड़की की जान बच गई।

जान बचाने वाले युवक की पहचान रक्षाराम निषाद पुत्र पप्पू तथा वह डुमरियागंज नगर पंचायत के वार्ड नं 14 कृष्णानगर का निवासी है। वह नगर पंचायत में सफाईकर्मी पद पर कार्यरत भी हैं। डूब रही उस लड़की को बचाने वाले युवक के साहस की क्षेत्र के लोग लोग खूब प्रसंशा कर रहें हैं। मौके पर पुसिल को सूचना दी गई पुलिस ने लड़की के परिजनों को सूचित करते हुए लड़की को इलाज के लिये एक निजी अस्पताल भेजा। प्रभारी निरीक्षक रमेश यादव ने बताया कि नदी में कूदी युवती का प्राथमिक उपचार कराकर परिजनों के साथ घर भेज दिया गया है।

यहां सवाल यह उठता है कि एक अंजान लड़की की जान बचाने वाले उस नौजवान को कौन याद रखेगा।  उस युवक के को शाबासी देने न तो प्रशासन आगे आया न ही स्वैछिक संस्थाओं ने उसे मान दिया। जिले के वरिष्ठ पत्रकार परवेज खान कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि कम से कम नगरपंचायत डुमरियागंज अपने बहदुर कर्मी को सम्मानित जरूर करेगा।

 

 

 

 

 

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