बिथरिया गांव में आए दिन डेथ वारंट जारी कर रही राप्ती नदी, जहरीले पानी से छः माह में दस लोगों की गई जान
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। ग्राम बिथरिया में राप्ती नदी आये दिन डेथ वारंट भेजती है और किसी न किसी की जान चली जाती है। पिछले ६ माह में इस गांव के दस लोग आर्सेनिक युक्त जहरीला पानी पीकर कैंसर से जान दे चुके हैं। इसके अलावा जल प्रदूषण से होने वाली अन्य बीमारियों ने अनेक जानें ली हैं। गांव में अब दहशत बढ़ रही है। लेकिन प्रशासन खमोश है।
डुमरियागंज तहसील में राप्ती नदी के किनारे बसे इस गांव के अदुल अहद मलिक की पांच दिन पहले कैंसर से मौत हो गई। इससे गांव सदमे में है। बीते 6 महीनों में गांव के ही शब्बीर मलिक, मुन्नी देवी, जाहिदा खातून, इरफान अहमद, इकबाल अहमद, मुस्ताबुन्निशां, शहनाज, मुशीर अहमद और आलिया बानों की मौत हो चुकी है।
बताया जाता है कि पिछले 6 महीनों में कैंसर से हो रही मौतों को लेकर गांव वालों ने भाग दौड़ की तो उन्हें पता चला कि गांव का पानी बुरी तरह प्रदूषित है। वहां पानी में आर्सेनिक की मात्रा बहुत अधिक है, जिसके कारण लोग कैंसर से मर रहे हैं। गांव में प्रदूषित पानी से होने वाली अन्य बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
बताया जाता है कि पानी में खतरनाक आर्सेनिक मिलने की वजह से गांव में खलबली मच गई है। उन्होंने उपजिलाधिकारी डुमरियागंज को प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है। एसडीएम ने मामले को देखने को कहा है।
खबर है कि वर्तमान में राप्ती नदी बेहद प्रदूषित है। बिथरिया से पहले बलरामपुर में राप्ती नदी में गन्ना मिल का खतरनाक केमिकल युक्त कचरा गिराया जा रहा है। जिसकी वजह से नदी का पानी बेहद प्रदूषित है। आस पास के गांवों में भी चर्म रोग और पेट की बीमारियां बढ रही है।
जमीन के नीचे वही पानी गांव के हैंडपंपों के कैविटी में पहुंचता है। ग्रामीण उसी पानी को पीकर बीमार होते हैं। गांव के सउद मलिक और अस्जद मलिक ने बताया कि कई बार जानकारी देने के बावजूद प्रशासन इस दिशा में गंभीर नहीं हो पा रहा है, फलतः मौतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उनके मुताबिक पानी में आयरन भी बहुत बढा हुआ है।