डुमरियागंज के मतगणना कक्ष में खून को जमा देने वाले तनाव के बीच हुई सैयदा खातून की जीत

March 11, 2022 12:28 PM0 commentsViews: 3193
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बेहद नजदीकी, सनसनीखेज और उतार चढ़ाव वाले मुकाबले में दोनों पक्षों के मतगणना एजेंटों का बढ़ता रहा ब्लड प्रेशर

रिकाउन्टिंग के बाद जब विधायक राधवेन्द्र सिंह ने गणना कक्ष छोड़ा तो खुशी से झूम उठे सपा एजेंट, भीग गईं कई आंखें

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी डुमरियागंज विधानसभा सीट पर जीत-हार का फैसला बेहद कम मतों से हुआ। बेहद नजदीकी मुकाबले में भाजपा, सपा प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का ब्लड प्रेशर हर चरण की मतगणना के साथ बढ़ता रहा। लड़ाई इतने कांटे की रही कि चरण दर चरण मतगणना होती रही और कभी भाजपा आगे जाती तो कभी सपा को बढ़त मिल जाती। हिंदू बहुल गांवों में कभी राघवेन्द्र सिंह साढ़े तीन हजार की बढ़त पा जाते तो मुस्लिम यादव बहुल गांवों में सैयदा खातून 3 हजार से आगे निकल जातीं। जैसे मतगणना न होकर लुका छिपी का खेल हो रहा हो।

मतगणना एजेंटों की अटकी हुई थीं सांसे

सांस अटका देने वाले इस मुकाबले में अंत तक चली खींचतान में हर कोई उलझा रहा। सैयदा के लिए 22वें चरण के रूप में सामने आया और डुमरियागंज – भवानीगंज रोड के पश्चिम के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में उनकी बढ़त तक 27 सौ हो गई। मगर मिठवल इलाके में पहुचते ही सैयदा खातून की बढ़त फिर कम होने लगी। 33वें चरएा में वे सिर्फ 556 वोटों से आगे रह गई थी। सपा समर्थक गतगणना एजेंट हताश थे जबकि भाजपा समर्थक ऐजेंट वहां दबाव बनाने लगे थे।

अल्लाह का गांव?

अखिरी चरण के मतदान में सभी की सांसें रुकने लगी थी। वह क्षेत्र मिठवल का था। जहां अपेक्षाकृत सपा कमजोर मानी जा रही थी। मगर अंतिम पोलंग स्टेशन की काउन्टिंग में एक ऐसा गांव निकल आया जां सपा को भाजपा लगभग बराबर थे। वहां से सपा को भाजपा से केवल 56 वोट कम मिले। इस प्रकार सैयदा खातून 491 मतों से जीतने मे कामयाब हो गईं। मजे की बात यह है कि आखिरी गिनती में बराबरी देख कुछ लोग मजाक में सपाई ऐजेंटों पर ‘अल्लह का गाव’ जैसे फिकरे कस रहे थे। इस फिकरे में विशुद्ध मजाक था। दुर्भावना जैसी कोई बात न थी।

और आंसुओं मे डूब गईं एजेंटों की आखें

सैयदा की जीत के बाद मतगणना स्थल पर खलबली मच गई। भाजपा समर्थक दुबारा गिनती की मांग कीने लगे। इसी बीच विधायक राघवेन्द्र सिंह भी पहंच गये। दुबारा गिनती हुई तो सैयदा की बढ़त लगभग 700 की निकल आई। इसके बाद डीएम दीपक मीणा ने तीखी बातचीत के दौरान भाजपा समर्थकों की कोई भी दलील सुनने से इंकार कर दिया। उनका यह स्टेंड शानदार रहा। इसके बाद निराश भाजपा विधायक मतगणना कक्ष से बाहर निकल आये। उनके बाहर निकलते ही सपाई एजेंट खुशी से झूमने लगे। कई एजेंटों की आंखों से आंसूओं की बरसात होने लगी।

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