बीएसए साहब जरा सोचिए, आखिर दो सौ बच्चे कहां करें पढाई
वृजेश मिश्र
“भनवापुर विकास खंड के संग्रामपुर बाजार का प्राइमरी स्कूल तालाब में बदल चुका है सवा सौ बच्चे स्कूल जाने के बजाये घर बैठे हैं। कभी कभार उनकी कक्षा बगल के जूनियर स्कूल में लग जाती है। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से कई फरियादें कीं मगर उसकी नींद नहीं टूट रही है”
प्राथमिक विदृयालय संग्रामपुर की दशा बयान करने के लिए इस खबर में दिए गये दो फोटो ही काफी हैं। स्कूल तालाब में बदल चुका है। चारों तरफ पानी ही पानी है। हालत यह है कि शौचालय और नल भी पानी में डूबे हुए हैं। यह स्थिति महीनों से से है। कस्बावासी बताते हैं कि कुछ बच्चे कभी कभी कभार जूनियर स्कूल में बैठ कर पैढते हैं। उस स्कूल की हालत भी ठीक नहीं है। वहां 90 छात्र पढते हैं। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को कहां बिठायें, यह भी समस्या है।
इसलिए आम तौर पर बच्चे घर पर ही रह जाते हैं। ग्रामवासी बताते हैं कि स्कूल की दशा सुधारने के लिए कई बार कहा गया मगर कोई सुनवाई नहीं है। प्रधानाचार्य संतराम अग्रहरि का कहना है कि इसकी सूचना अफसरों का दी जा चुकी है। इस समस्या का निवारण तो उपरी स्तर पर ही होना है। जबकि बेसिक शिक्षाधिकारी अजय सिंह का कहना है कि वह जल्द ही समस्या का समाधान करेंगे।