मुक़द्दस माहे रमजानः छ व सात साल के सगे भाई शोहरतगढ़ में सबसे कम उम्र रोजेदार बने
सरताज आलम
शोहरतगढ़/सिद्धार्थनगर।मुस्लिम समुदाय का मुक़द्दस माहे रमजान चल रहा है। तपिश एवं उमस भरी गर्मी में लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। एक ओर जहां बड़े लोग रोज़ा रख रहे हैं तो दूसरी ओर छोटे बच्चे भी रोज़ा रखकर अपने रब की इबादत कर रहे हैं। कस्बा शोहरतगढ़ निवासी अब्दुल रहीम राईनी का परिवार अन्य लोगों की तरह ही रोजे रख रहा है, लेकिन इस परिवार को खास बनाया है 7 साल का मो. शमशीर राईनी व 6 साल के मो. हमजा राईनी ने। जो कस्बे में रमजान के सबसे कम उम्र के रोजे दार हैं।
शोहरतगढ़ कस्बे के गांधीनगर मुहल्ले के लोग बताते हैं कि परिवार में सभी सदस्यों को पांच वक्त की नमाज़ पढ़ते देख मो. शमशीर राईनी व मो. हमजा राईनी भी अदा कर रहें है। इसी के साथ वह रोजा भी रख रहे हैं। कम उम्र के बच्चों द्वारा रोज़ा रखने से मुहल्ले वाले हैरान है। । बच्चे अपने परिवार वालों के साथ सुबह तीन बजे से सेहरी खाने के लिए जागते हैं और सेहरी खाकर फिर कुरआन की तिलावत में जुट जाते हैं। लोगों का कहना है कि अप्रैल महीना की इस तपिश भरी गर्मी में भी बच्चों द्वारा रोज़ा रखा जाना अपने आप में बड़ी बात है।
दोनों बच्चों के पिता अब्दुल रहीम राईनी एक सामान्य परिवार के हैं। उन्होंने बताया कि ने मुसलमानों के लिए रोज़ा बहुत ही महत्वपूर्ण है इस माह में अल्लाह अपने नेक बन्दों के लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल देता है। बच्चे भी अल्लाह को राजी करने के लिए रोज़े रख रहे हैं इबादत कर रहे हैं।