दो भाइयों की मौत का मामलाः शव के घर आते ही गम के आसुओं में डूब गया पूरा गांव
मां किरनबाला को दुख है दो जवान बेटों की मौत का, दोनों बहुओं
अनीता व अनुपमा को चिंता है अपने अबोध बच्चों के भविष्य की
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। इटवा थाने के गोपलापुर गांव में शोक की बदली छायी हुई है। गांव में शिवशंकर सैनी के घर की हर आख से आंसू बरस रहे हैं। इसी घर के दो सगे भाई मंगलवार की रत ढेबरूआ चौराहे पर एक्सीडेंट में एक साथ मरे थे, जिसे उनके पिता शिवशंकर ने सुनियोंजित हत्या की संज्ञा दी थी। पोस्टमार्टम के बाद दोनों भाई अवधेश व धीरेश के शव घर पहुंचे तो पूरा गांव शोक के बादलों से घिर गया। घर में कोहराम मच गया। शव देखते ही दोनों की पत्नियां दौड़कर उनसे लिपट गईं। एक साथ दोनों बहुओं की मांग सूनी होने के गम ने पिता को इस प्रकार तोड़ दिया कि उनके मुंह से आवाज नहीं निकल रहा थी। वहीं, रात से रोते- रोते मां का गला सूख चुका था, मां की आवाज नहीं निकल रही थी। बच्चों और दोनों बहुओं को चीखता देखकर लोग खुद को रोक नहीं पा रहे थे। देर रात दोनों का श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
लाशें आई तो गीली थीं सभी की आखें
मंगलवार की रात ढेबरुआ चौराहे पर कार की टक्कर में जान गंवाने वाले इटवा थाना क्षेत्र के गोपलापुर निवासी दोनों सगे भाई अवधेश सैनी व धीरेश सैनी के शव जब बुधवार को देर सायं पीएम होने के बाद गांव में पहुंचे तो वहां मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों व रिश्तेदारों की आंखें भर गईं। सभी मृतकों के पिता शिवशंकर को सांत्वना दे रहे थे। गांव व रिश्तेदार महिलाएं मृतकों की मां और दोनों विधवा बहुओं को ढांढस बंधा रही थीं। दोनों भाइयों की मां किरन जहां अपने दो जावान बेटों की मौत के सदमें से चीत्कार कर रही थी, वहीं अवधेश की पत्नी अनीता व धीरेश की पत्नी अनुपमा के होटों से आवाज ही नहीं निकल पा रही थी। उनकी आखों से आंसुओं की धार जरूर बह रही थी। दोनों का दुख अपने वैधव्य व बच्चो के भविष्य का लेकर था।
मुखाग्नि देते समय पिता के हाथ कांप रहे थे
गुरवार को गांव के बगल स्थित श्मशान भूमि पर दोनों की चिताओं को मुखाग्नि देने के लिए शिवशंकर आगे बढ़े, तो उनके हाथ कांप रहे थे। उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी, एक साथ दो बेटों की मौत के बाद कोई और नहीं बचा। शिवशंकर के दो बेटे थे। परिजनों के मुताबिक अब मृतकों के घर उनकी मां किरन बाला, पिता शिवशंकर, अवधेश की पत्नी अनीता व उसका आठ वर्षीय पुत्र मयंक और पुत्री माही, मृतक धीरेश की पत्नी अनुपमा व उसका एक वर्षीय पुत्र मष्टु सैनी है। धीरेश गांव से क्षेत्र पंचायत सदस्य था। दोनों भाइयों में बहुत प्रेम था वे साथ-साथ ही रहते थे।
चोट लगने के कारण गई थी जान
मंगलवार को ढेबरूआ चौराहे पर अवधेश की जेसीबी मशीन से पंकज चौबे की कार के अक्कर में दोनों की जान गई थी। जबकि पंकज चौबे घायल हो गये थे। दोनों भाइयों की मौत पर उनके परिवार के लोगों ने हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले में उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस के पास डीएम डॉ. राजा गणपति आर. को रोक कर उनसे हादसा के बजाए हत्या की बात कही। उनकी मां थी कि इस मामले की जांच करवाकर कार्रवाई की जाए।
मृतक का परिवार एक सम्पन्न घराना था। अवध व धीरेश के पास जेसीबी मशीन थी, जिसे वे किराये पर चलाते थे। कुल मिला कर परिवार खुशहाल था, लेकिन जाने कैसे उसे जमाने की नजर लग गई। पुलिस के मुताबिक दोनों की हादसे में ही जान गई है। क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट से मौत होने की बात सामने आई है। इस प्रकरण में एसओ ढेबरुआ संतोष कुमार सिंह का कहना है कि हादसे से मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट से मौत की पुष्टि हुई है। मामले की जांच की रही है।