ये नए जमाने के आशिक़ हैं साहब, रूह छूते नहीं और जिस्म नोच खाते हैं
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जनपद में नवस्थापित संस्था साहित्य सुधा के तत्वावधान में आयोजित प्रथम कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में स्थानीय कवियों, शायरों ने विविध रसों में सराबोर रचनाएं प्रस्तुत कर ख़ूब वाहवाही लूटी। इस मौके पर नवोदित रचनाकार डॉ. रवि प्रकाश श्रीवास्तव ने “इश्क की आड़ में अपनी हवस मिटाते हैं, ये नए जमाने के आशिक़ हैं साहब, रूह छूते नहीं और जिस्म नोच खाते हैं, सच्चे आशिक़ निभाते हैं रिश्ता बड़ी शिद्दत से, जज्बात छू कर रूह में उतर जाते हैं” पढ़ी।
शनिवार रात सनई चौराहा से पहले शुभम पैराडाइज एंड रेस्टोरेंट में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कवित्री सलोनी उपाध्याय की सरस्वती वंदना से हुआ। अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डाक्टर सच्चिदानंद मिश्र तथा संचालन नियाज़ कपिलवस्तुवी ने किया। मशहूर शायर सलमान आमिर ने अपनी ग़ज़ल हासिद भरे पड़े हैं चारों तरफ़ बाज़ार में, शख़्सियत कुछ और है, दिखता है कुछ किरदार में, पेश कर कार्यक्रम को नयी ऊंचाई प्रदान की।
युवा कवि संघशील झलक की रचना याद की आग में मैं जला रात भर, और धुआँ इश्क़ का न मिटा रात भर, सुनकर श्रोताओं ने ख़ूब तालियां बजाईं। वरिष्ठ रचनाकार डाक्टर विनयकांत मिश्र ने राम नाम सम कुछ नहीं, जीवन है अनमोल, जी लो प्यारे चार दिन, बोल के मीठे बोल, सुनाकर लोगों को भक्ति भाव से ओतप्रोत कर दिया।
प्रख्यात कवि दिलीप कुमार द्विवेदी ने समाज में बेटियों एवं मातृशक्ति को समर्पित रचना मैं बेटी हूँ, मैं बहना हूँ, मैं तेरे घर की गहना हूँ, प्रस्तुत कर लोगों को आधी आबादी के प्रति श्रद्धा भाव का सशक्त संदेश दिया। नवोदित कवयित्री प्रीति लता ने मधुर स्वर में स्वर्ग जाने की तमन्ना क्यूँ करूँ, स्वर्ग धरती को बनाना चाहती हूँ., सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साहित्य सुधा संस्था के संयोजक एवं वरिष्ठ रचनाकार डाक्टर गोविंद प्रसाद ओझा ‘प्रेम’ ने दो घड़ी प्रेम से जो सुनोगे हमें, गीत बनकर दिलों में उतर जाएंगे सुनाकर श्रोताओं को प्रेम और भाईचारे का सशक्त संदेश दिया। नियाज़ कपिलवस्तुवी ने अपनी रचना प्यार छोटों से है न बड़ों का अदब, यूँ सियासत बढ़ी आजकल गांव में, प्रस्तुत कर गाँवों में बढ़ते शहरीकरण का सजीव चित्रण किया।
मुख्य अतिथि भारत विकास परिषद गोरक्ष प्रांत क अध्यक्ष और गोरखपुर के वरिष्ठ आर्थो सर्जन डाक्टर आरपी शुक्ल ने डाक्टरों को समर्पित अपनी विशेष काव्य रचना प्रस्तुत कर ख़ूब वाहवाही बटोरी। साहित्य सुधा के अध्यक्ष डाक्टर विमल कुमार द्विवेदी ने श्रृंगार रस से ओतप्रोत काव्यपाठ कर लोगों को ख़ूब गुदगुदाया।
कार्यक्रम में विजय कृष्ण नारायण सिंह, किरनलता सिंह, रंजना जायसवाल, शिवसागर सहर, सुजीत जायसवाल आदि ने अपनी बेहतरीन रचनाएं प्रस्तुत कर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक, साहित्यकार डाक्टर सच्चिदानंद मिश्र सहित समस्त रचनाकारों को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया गया।
अंत में संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने अतिथियों समेत उपस्थित कवियों तथा श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में डाक्टर अरूण प्रजापति, श्रीराम ओझा, जय प्रकाश मिश्र, पंकज पासवान, रामकरन गुप्ता, अरुण त्रिपाठी, नितेश पांडेय, अमित त्रिपाठी, कैलाश मणि त्रिपाठी, अभय श्रीवास्तव, डॉ. सीमा मिश्रा, साधना श्रीवास्तव, सुधा प्रजापति, शारदा रावत, रूपाली यादव, अभिषेक ओझा, अंतरा ओझा, आरूष ओझा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।