सैलाब ने पसारे पांव, नदियां गांवों को लीलने को बेताब, 50 गांवों पर संकट, सड़कें डूबीं
शाहपुर- सिंगारजात मार्ग पर 7 सौ मीटर तक पानी, कठेला-तुलसियापुर मार्ग डूबा, सदर तहसील का देवलहवा मार्ग भी डूबा, बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर गई
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सैलाब ने अपने पांव पसारना शुरू का दिया है। जिले की अधिकांश नदियां जहां चेतावनी स्तर पार कर लाल निशान क्रास करने को बेताब हैं वहीं बूढ़ी राप्ती लाल निशान से एक मीटर से भी अधिक ऊपर चली गई है। इससे गांवों के पानी से घिरने की शुरुआत हो चुकी है। लगभग 50 गांव बाढ़ से प्रभावित है, जिनमें दो दर्जन गांव पानी से घिरे हुये हैं। कई प्रमुख सड़कों पर पानी चढ़ने की खबरें हैं जिनसे यातायात प्रभावित हो गया है। बांसी और बढ़नी क्षेत्र में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमे लगा दी गईं हैं।
बूढ़ी राप्ती बौराई
जनपद की बूढ़ी राप्ती, ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बुद्धवार सुबह आठ बजे ककरही पुल की गेज रिपोर्ट के मुताबिक वह अपने खतरा बिंदु 85.650 के सापेक्ष 86.780 मीटर अर्थात खतरे के निशान से एक मीटर 13 सेमी ऊपर बह रही थी। इसके अलावा बानगंगा नदी खतरे के निशान 93.420 मी. से कुछ ही नीचे 93.22 मी. पर बह रही है। इसके रात में खतरा बिंदु पर कर जाने की आशंका है। इसी प्रकार राप्ती नदी अपने खतरा बिंदु 84.900 मी. से मात्र कुछ सेमी नीचे हैं। मगर उसने चेतावनी स्तर पार कर लिया है। बता दें कि बानगंगा और राप्ती नदियां खतरा बिंदु से नीचे होने के बावजूद फसलों घरों में तबाही मचाना शुरू कर देती है। जनपद की छोटी सी पहाड़ी नदी घेराही पर कोई गेज स्टेशन नहीं है मगर उसने बढ़नी ब्लाक के गांवों में तबाही फैलाना प्रारम्भ कर दिया है। इसके अलावा कूड़ा व घोंघी नदी भी चेतावनी स्तर को पार कर लाल निशान छूने को बेताब है। जलस्तर में निरंतर बृद्धि से अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरुवार को उक्त सभी नदियां डैंजर लेबिल को पार कर जायेंगी।
एनडीआरएफ की टीमें लगाई गईं
मिली जानकारी के अनुसार बूढ़ी राप्ती बानगंगा व घोराही नदी की बाढ़ से शोहरतगढ़ तहसील के ढेबरूआ और जोगिया ब्लाक के दर्जनों गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो गये हैं। इन तीन नदियों के प्रभाव क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम भुतहवा, टीशम गुल्हरिया आदि गांव पानी से घिरे हैं। तुलसियापुऱ़-कठेला मार्ग पानी में डूब गया है। यहां हालात का मुकाबला करने के लिए एनडीआरएफ की टीम भेज दी गई है। दूसरी तरफ राप्ती और बूढ़ी राप्ती की बाढ़ से बांसी तहसील में भी एक दर्ज गांव खतरे की जद में आ गये है। वहां भी बचााव के लिए एसडीआरएफ की टीम रवाना कर दी गई है। अभी तक किसी जानमाल की क्षति की कोई सूचना नहीं है।
सड़कें डूबीं, गांवों में पानी
इसी प्रकार कूड़ा और जमुआर नदियों की बाढ़ से ग्राम चनरैया, पानी से घिर गया है। इसी प्रकार संगलदीप, रीवां, अमरिया, हथिवड़ ताल, देवलहवा आदि गांव सैलाब से बुरी तरह प्रभावित हो गये हैं। कूड़ा की बाढ़ से जिला मुख्यालय से देवलहवा जाने वाली सड़क पर पानी चढ़ गया है। लोग पानी में घुस कर जान जोखिम में डालते हुए आगमन कर रहे हैं। उधर डुमरियागंज में राप्ती नदी की बाढ़ से शाहपुर- सिंगारजोत मार्ग पर पानी चढ़ गया है। लगभग 700 मीटर सड़क पर पानी की घार चल रही है। राप्ती की बाढ़ से ग्राम नेबुआ, मछिया, पेडारी, बीरपुर कोहल, बुढ़िया टायर, भरवठिया, तेतरी आदि गांवों पर संकट खड़ा हो गया है। बता दें कि इसी भरवठिया गांव में गत वर्ष बाढ़ के दौरान बड़ी दुर्घटना हुई थी। कुल मिला कर सैलरब का कहर शुरू हो गया है। जिले में एक अनुमान के अनुसार दस हजार हेक्टेयर फसलें पानी में डूबी हुई है। मगर प्रशासन ने अभी तक इसकी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है।