सैयदा के कार्यक्रमों में उमड़ रही भीड़, कहती हैं– मेरी लड़ाई साम्प्रदायिकता के खिलाफ
एम. आरिफ
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज की बसपा उम्मीदवार सैयदा खातून मलिक के जनसम्पर्क कार्यक्रमों में निरंतर बढ़ती भीड़ से बसपा के हौसले बुलंद हैं। वह जन्सम्पर्क कार्यक्रमों में बड़े सलीके से बिन किसी की आलोचना किये फिरकापरस्ती और भ्रष्टाचार को जिस तरह मुद्दा बना रही हैं, उसका जनमानस पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है।
इुमरियागंज के गांवों में जुटने वाली भीड़ में किसी प्रतिदंदी का नाम लेकर न कोई हमला करती हैं न आरोप लगाती हैं। बस वह केवल यही कहती है कि जातिवादी और फिरकापरस्त ताकतों को हरा कर ही डुमरियागंज को तरक्की के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। ऐसा कह कर वह लोगों में अपना प्रभाव छोड़ती हैं।
दरअसल सैयदा मलिक की पूरी रणनीति ही सादगी के बल पर चुनाव लड़ने की है। आज जब लोग कड़े शब्दों में विरोधी की आलोचना कर वोट मांगते हैं तो सैयद की बातें रेगिस्तान में नखलिस्तान का यहसास कराती हैं। सैयदा लोगों को यहसासकराती है कि अब तो चाचा (कमाल यूसफ) भी उनके साथ हैं। इसलिए वह सब पर भारी है।
याद रहे कि डुमरियागंज में सपा, बसपा,भाजपा और पीस पार्टी के बीच मुकाबला है। कांअे की लड़ाई में यहां हर उम्मीदवार के लिए एक एक वोट महत्वपूर्ण है। इसके लिए उम्मीदवार हर दांवा आजमा रहे हैं, लेकिन सैयदा की सादगी सबसे अलग व प्रभावशाली दिख रही है।