टिकट घोषित हुआ नहीं और समाजवादी पार्टी के नेतओं का दागदार चेहरा सामने आने लगा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कहावत हैं कि समाजवादी नेताओं के डीएनए में महाकवि कालीदास के कुछ अंश जरूर हैं। इसी के चलते वह जिस डाल पर बैठते हैं आम तौर पर उसी को काटते नजर आते हैं। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की अधिकृत घोषणा अभी हुयी नहीं कि उसके कतिपय नेता पार्टी की जड़ों को खोदने पर लग गये। चुनाव दर चुनाव ऐसे कालिदासों की हरकतें होती हैं, मगर सपा आला कमान कभी इस पर एक्शन नहीं लेते है। नतीजे में उसके हिस्से में केवल हार ही आती है।
बताया जाता है कि डुमरियागंज विधानसभा से सपा ने अभी अपने प्रत्याशी का एलान नहीं किया है, मगर इस बात की काफी चर्चा हैं कि सपा ने यहां से बाहरी उम्मीदवार और पूर्व सांसद कुशल तिवारी को टिकट देने का मन बना लिया है। इसका अनुमान होते ही सपा के कई नेता अपने लाभ के अनुसार नई रणनीति बनाने में लग गये हैं। इनमें सबसे बड़ी खबर यह है कि पार्टी के एक बड़े नेता इस समय कांग्रेस के एक मुस्लिम नेता को टिकट दिलाने के प्रयास में हैं। जबकि सभी जानते हैं कि वोटों के तगड़े ध्रुवीकरण के इस दौर में किसी मुस्लिम उम्मीदवार का जीतना तकरीबन नामुमकिन है।
अब उन नेता जी को इससे क्या लाभ मिलेगा अथवा उनकी कौन सी मजबूरी है, यह तो वही बता सकते हैं। इसी प्रकार एक सपा नेता टिकट नहीं मिलने की आशंका के बाद बसपा से पींगे बढ़ानी शुरू कर दी है। वह भविष्य में क्या गुल खिलाएंगे, यह वहीं जाने। वैसे यह नेता जी गत विधानसभा चुनावों में भी पार्टी विरोधी काम करने के लिए कुख्यात रहे थे।
इस कड़ी में सबसे ताजा खबर समाजवादी पार्टी के कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष जोखन चौधरी के पुत्र और सपा के सेक्टर अध्यक्ष सतीश चौधरी से लिया जा सकता है, जिन्होंने गत 21 मार्च को अपने गांव भिटिया में भाजपा प्रत्याशी जगम्बिका पाल के चौपाल कार्यक्रम के आयोजक की भूमिका निभा कर अपनी मंशा का संकेत दे दिया है। इसके बाद पार्टी की बैठक में इसे लेकर काफी हो हल्ला मचा। जिस पर सपा विधानसभा क्षेत्र प्रभारी जोखन चौधरी ने अपने बेटे का निर्रथक बचाव किया।
यहीं बता दें कि स्वयं जोखन चौधरी अतीत में इस प्रकार के विवादों मे घिर चुके हैं। इस बार उनके बेटे और सेक्टर प्रभारी पूरी तरह से खुल कर विपक्ष की मदद में खड़े हो गये हैं। पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष जोखन चौधरी के मुक समर्थन के क शह के बिना उनके बेटे सतीश चौधरी द्धारा ऐसा कदम उठाना लगभग संभव नहीं है।
जिला बनने के बाद इस सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ खुद समाजवादी नेताओं द्धारा गद्दारी भितरघात की परम्परा रही है। गत लोकसभा चुनावों में सपा बसपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार आफताब आलम के खिलाफ कई बडे नेताओं ने जो भूमिका अदा की थी, वह सर्वविदित है। पार्टी के एक वफदार नेता कहते हैं कि यदि डुमरियागंज सीट पर विजय पानी है तो सपा को सबसे पहले पार्टी में छिपे मौकापरस्त तत्वों को बहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा।