और शादी के मंडप में पहुच कर वापस लौट गई दूल्हन, बोली सम्मान से बढ़ कुछ नही
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सात फेरे लेने के लिए तैयारी करके सामूहिक विवाह मंडप में पहुंची युवती उस वक्त निराश हो गई, जब कई बार काल करने के बाद दूल्हे ने जवाब दिया कि वह शादी में नहीं आ सकता है। इसके बाद परिवार हताश और निराश हो गया। लड़की जिले के उसका क्षेत्र के एक गांव निवासी है। दूल्हा बन कर आने वाला लड़का पड़ास के संतकबीरनगर जिले के एक गांव का रहने वाला है। लड़की और उसकी मां ने सामूहिक रूप से कहा कि अगर वह शादी के लिए तैयार भी होता है तो शादी नहीं करेगी। इस मामले में वह न्यायालय अथवा किसी से कोई शिकायत भी नहीं करेगी।
दरअसल स्थानीय बीएसए ग्राउंड में शनिवार को मुख्यमंत्री विवाह का आयोजन था। प्रशासन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 165 जोड़े की शादी होनी थी। वर और वधु दोनों वार्ता करके एक समय पर शादी समारोह में पहुंचाना था। उसका क्षेत्र के एक लड़की की शादी संतकबीरनगर जनपद के मेंहदावल थाना क्षेत्र निवासी युवक से होनी थी। शादी का कार्यक्रम शुरु होने के बाद जब कुछ देर तक वर पक्ष नहीं पहुंचा तो लड़की के परिवार वाले और लड़की की मां ने कई बार बात करने की कोशिश की। एक बार किसी तरह से फोन रिसीव हुआ तो लड़के ने आने में असमर्थता जताई और फिर बोला शादी करने नहीं आ रहे हैं।
यह सुनते ही उसके पांव तले जमीन खिसक गई और पसीना छूटने लगा। मां ने पूछा तो कहा कि लड़का शादी से इन्कार कर दिया। इसके बाद साथ में आए अन्य लोग भी निराश हो गए। मामला प्रशासन तक पहुंच गया। जब लोगों ने वार्ता कर शादी कराने की कोशिश शुरू की और लड़का शादी करने को राज होने लगाा तो लड़की और उसकी मां ने कहा कि अब उस घर में शादी ही नहीं करेंगे। क्या पता कब साथ छोड़ दें। लड़की ने कहा कि अगर वह तैयार भी होते हैं तो हमारी तरफ से हां नहीं हो सकता है।
लड़की ने साफ कहा कि उस लड़के साथ शादी नहीं हो सकती, जिसने। मंडप पर आने के पहले ही एक झटके में उसके मान सम्मान की धज्जी उड़ा दी। शादी का न होना चर्चा का विषय बना रहा है। पीड़ित पक्ष ने यह भी कहा कि वह कोई शिकायत नहीं करेगी।