पुलिस नेम प्लेट वाली बाइक से लुटरों ने की थी संचालक से लूट, चारों लुटेरे जेल गये
अपनी मां के साथ की गई बेइमानी एवं अपमान जनक व्यवहार से दुखी होकर फैसल ने बनाया था केंद्र संचालक को लूटने का प्लान
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। ग्राहक सेवा केंद्र संचालक से पटनी जंगल के पास हुई लूट की वारदात में बदमाशों ने पुलिस लिखी नेम प्लेट वाली बाइक का इस्तेमाल किया था। यह रोचक जानकारी गुरुवार को सभी चार लुटेरों की गिरफ्तारी के दौरान प्रकाश में आई। इस लूट का कारण बदमाशों और पीडित पक्ष के बीच विवाद बताया जाता है।फिलहाल चारों कथित बदमाशों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस लाइंस सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के पटनी जंगल के पास 24 दिसंबर देर शाम ग्राहक सेवा केंद्र संचालक से बाइक सवार बदमाशों ने लूट की थी। पीडित पर तमंचे के बट से हमला भी किया गया था।
एसपी ने बताया कि सुबह मुखबिर की सूचना पर एसओजी प्रभारी जीवन त्रिपाठी, सर्विलांस सेल प्रभारी शेषनाथ यादव और सदर कोतवाल सतीश कुमार सिंह टीम के साथ कठवा पुल पर पहुंच गए। यहां दो बाइक पर सवार चार लोग दिखे। पुलिस टीम को देखकर भागने लगे। संदेह होने पर पुलिस कर्मियों से घेराबंदी कर दबोच लिया। पूछताछ में इनकी पहचान कदिर हाशमी निवासी मो. बुद्धनगर, तजम्मूल निवासी कल्याणपुर, फैजल खान निवासी महदेवा बाजार थाना सदर, सुनील यादव निवासी सेमरा थाना लोटन के रूप में हुई। इनके कब्जे से 8020 रुपये नकदी, लूटा गया मोबाइल फोन, दो बाइक, एक तमंचा और कारतूस बरामद किया गया। बरामद दोनों मोटर साइकिलों में से एक पर पुलिस की नेम प्लेट भी लगी हुई थी। पलिस इसकी भी जांच कर रही है। वैसे नेम प्लेट के फर्जी होने की संभावना है।
कमीशन की रकम पर विवेक और फैजल में हुई थी बहस
एसपी के मुताबिक बदमाशों ने बताया कि वह लोग नशे के आदी हैं। विवेक के ग्राहक सेवा केंद्र पर फैजल व उसकी मां रुपये निकालने व जमा करने जाते थे। विवेक एक बार फैजल की मां के खाते से ज्यादा रुपये निकाल लिया था। कमीशन के रूप में भी ज्यादा रुपये लेता था। इस बात पर विवेक से फैजल की बहस हुई थी। फैजल बदला लेना चाहता था। फैजल ने यह बात कादिर और तजम्मूल व सुनील को बताया। घटना के दिन फैजल और सुनील ग्राहक सेवा केंद्र के पास खड़े थे। विवेक ग्राहक सेवा केंद्र बंद कर घर के लिए चला तो फैजल और सुनील उसके पीछे लग गए। फैजल ने यह बात कदिर व तजम्मूल को बता दी। वह पहले से दुर्गा इंटर कॉलेज के सूनसान जगह पर खड़े थे। सुनील और फैजल ज्योंहि स्कूल के मोड़ पर पहुंचा। कादिर और तजम्मूल विवेक के पीछे लग गए। रास्ता पूछने के बहाने रोक कर तमंचे से मारपीट कर घायल कर रुपये व मोबाइल फोन छीन लिए। इस दौरान सुनील और फैजल मोड़ पर ही रुके थे कि यदि कोई आदमी या गाड़ी आती है तो तजम्मूल और कदिर को बता दें।
सर्विलांस टीम ने खोल दिया राज
लुटेरे अगर रुपये छीनते वक्त मोबाइल फोन न छीने होते तो शायद वह पुलिस की गिरफ्त से दूर रहते। कारण पुलिस को जैसे ही पता चला कि मोबाइल फोन भी ले गए हैं, सर्विलांस सेल प्रभारी शेषनाथ यादव टीम के साथ कुंडली खंगालने में लगे गए। मोबाइल फोन की लोकेशन तलाश लिए। बृहस्पतिवार को मुखबिर की सूचना और सर्विलांस टीम के प्रयास से लुटेरे पकड़े गए।
पीड़ित बदलता रहा बयान
जिस दिन लूट हुई उस दिन पीड़ित ने पहले दो लाख रुपये, फिर 50 हजार रुपये और इसके बाद 1.60 लाख रुपये की लूट की बात कहने लगे। लैपटॉप भी लूटने की बात कह रहा था। पुलिस छानबीन के लिए दुकान पर गई तो लैपटॉप वहीं पर था। कड़ाई से पूछताछ करने पर पता चला 10 हजार रुपये की लूट हुई थी।