जीवन भर अंधविश्वास एवं रुढ़ियों के खिलाफ खड़े रहे संत रविदास
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। शिवपति पीजी कालेज, शोहरतगढ़ के प्रोपेसर डा. सुशील कुमार ने संत रविदास को एक समतावदी संत बताया और कहा कि वे जीवनभर अंधविश्वास एवं रुढ़ियों को लेकर संघर्ष करते रहें।
डा. कुमार सोमवार को संत रविदास जयंती के अवसर पर दि बुदिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया की सिद्धार्थनगर इकाई द्वारा तहसील परिसर में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने कभी गंगा में स्नान नहीं किया। इसके जरिए वह समाज को यह संदेश देना चाहते थे कि गंगा में नहाने से कुछ नहीं होता। उनका मन निर्मल था।
अपने संबोधन में बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पी.आर. आजाद ने कहा कि संत रविदास का जन्म बनारस में माघी पूर्णिमा के दिन हुआ था। समाजसेवा, भाईचारा, मानवता उनके लिए सबसे बड़ा धर्म था। जोखन कन्नौजिया एवं शंभू प्रसाद ने कहा कि संत रविदास ने समाज में ज्ञान बांटने का कार्य किया।
इस अवसर पर इं. राममूरत, अखिलेश्वर प्रसाद, विनय कुमार, चन्द्रभान, राम उजागिर, सुरेन्द्र मौर्या, चुन्नी लाल, रामसागर सरोज, डा. मुकेश कुमार, डा. विनोद कुमार सिंह, रामधनी, विजय प्रकाश, संजय आनंद, हरिकिशन बौद्ध, गोविंद, लखपति, अमृता बौद्ध आदि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामप्यारे बौद्ध एवं संचालन मनीराम बौद्ध ने किया।