सनी यादव की जीत की राह में ‘अपने़’ ही खड़ी कर सकते हैं धोखे की दीवार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बस्ती- सिद्धार्थनगर एमएलसी सीट पर चल रही चुनावी जंग में हालांकि समाजवादी पार्टी की स्थिति उपर से मजबूत दिखती है लेकिन अंदरखाने में सपा उम्मीदवार के सिर पर खतरा मंडरा रहा है। हालात कुछ ऐसे हैं कि भितरघात की बड़ी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
आम तौर पर स्थानीय निकाय के चुनाव में पैसे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। सत्ताधारी दल का उम्मीदवार होने और आर्थिक दृष्टि से मजबूत होने के कारण सन्नी यादव भाजपा उम्मीदवार प्रमोद उर्फ गिल्लन चौधरी को बराबर की टक्कर दे सकते हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि उनकी पकड़ सपा के एक विशेष खेमे में भी है।
दरअसल बस्ती में ठेके पट्टे की राजनीति बहुत जटिल है। मंडल मुख्यालय के एक प्रभावशाली सपा नेता और ठेके-पट्टे की दुनियां के चर्चित नाम का प्रमोद चौधरी से करीबी संबंध है। सूत्रों का कहना है कि उक्त नेता के सिद्धार्थनगर जिले में भी कई समर्थक हैं।
जानकार बताते हैं कि उक्त चेहरे के संकेत पर बस्ती, सिद्धार्थनगर में सपाइयों का एक बड़ा वर्ग प्रमोद चौधरी का गुप्त समर्थन कर सकता है। हालांकि सपा के अंदरखाने की जानकारी रखने वाले एक सूत्र का कहना है कि चुनाव परिणाम के बाद उक्त प्रभावशाली नेता की जवाबदेही होगी, इसलिए भितरघात की संभावना नहीं है।
दूसरी तरफ एक वर्ग का मानना है कि वर्चस्व की राजनीति में प्रतिद्धंदी को उभरने से पहले ही मार देने की नीति भी होती है। इसलिए उक्त प्रभावशाली चेहरा ऐसा कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं।
सिद्धार्थनगर में उक्त चेहरे के समर्थक अभी चुनावों में सन्नी यादव के पक्ष में बहुत मुखर नहीं दिख रहे हैं। इसलिए इस आशंका को बल मिल रहा है। सपा के वरिष्ठ नेता हरिराम यादव का कहना है कि चुनाव में आशंकाएं व संभावनाएं साथ साथ चलती हैं। लेकिन उम्मीदवार को अपने स्तर से सतर्क रहना पड़ता है। सन्नी यादव भी इसे समझते हें, लिहाजा चिंता की बात नहीं है।
बहरहाल इस चुनाव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और नगर निकायों के तकरीबन 7 हजार मतों में प्रमोद चौधरी की पैठ कम नहीं है। बस्ती के प्रमोद के सजातीय एक वरिष्ठ नेता को उनकी पूरी मदद है। इसलिए चुनावी टक्कर कड़ी होगी। फिलहाल तो सन्नी को सपा के भितरघातियों पर नजर रखनी होगी।