खास खबर-एक सावित्री पति के लिए यमराज से लड़ गई थी, आज की सावित्री को उसके पति ने ही हरा दिया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। एक सावित्री पुराणों में दर्ज है, जो अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से छीन कर ले आई थी, लेकिन आज की सावित्री यादव अपने पति से अपना हक नहीं ले पा रही है। बालपन में सवित्री से शादी के बाद उसका डाक्टर पति अमरीश यादव उसे अपने साथ इसलिए नहीं ले जा रहा है, क्योंकि सावित्री कम पढी लिखी है और बहुत सुंदर भी नहीं है।
बाल विवाह का दंश
नेपाल के कपिलवस्तु जिले के ग्राम बलुही निवासी राम वृक्ष यादव ने अपनी बेटी सावित्री यादव की शादी 2006 में सिद्धार्थनगर जिला हेडक्वार्टर से थोड़ी दूर स्थित ग्राम बसालतपुर में शिवचरन यादव के बेटे अमरीश से की थी। तब अमरीश कक्षा 9 में पढ़ता था और सावित्री कक्षा सात में। मध्यम घराने की इस शादी में तब सावित्री के पिता ने तकरीबन सात लाख खर्च किया था।
वक्त और हालात देखिए, सवित्री की ढाई शादी के बाद रुक गई और उसका उसके पति अमरीश का दाखिला एमबीबीएस में हो गया। इसके बाद अमरीश गौना ले जाने से इंकार करने लगा।
लड़ते लडते थक चुकी सावित्री
आज यहां महिला थाने पर पारिवारिक विवाद निपटाने वाले कार्यक्रम “नई किरन” में पहुंची। सावित्री यादव के पिता ने बताया कि वह सन 2014 से ही गौने के लिए कह रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें वर पक्ष से धमकी और अपमान मिल रही है। वह तहसील दिवस से लेकर तमाम अफसरों के दरवाजे खटखटा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अपने अधिकार के लिए सावित्री पिछले तीन साल से लड़ रही है।
कहां फंसा है पेंच?
सावित्री के मामले में पेंच बहुत सीधा है। उसकर पति अब डाक्टर बनने के कगार पर है। ऐसे में कम पढी लिखी और कम सुंदर पत्नी से उसके स्टेटस पर प्रभाव पड़ेगा। दूसरी तरफ अमरेश के पिता उसे डाक्टर बनाने में रकम खर्च कर चुके हैं। ऐसे में अब नई शादी करने पर उन्हें बड़ा दहेज मिलने की उम्मीद है। वरना कहीं कोई और मतभेद नहीं है।
तो क्या हार जायेगी सावित्रीॽ
बात फिर वहीं आती है। उस दौर की सावित्री तो पति सत्यवान के जीवन के लिए मौत के देवता यमराज से जीत गई थी और यहां आज की सावित्री का सत्यवान पति अमरीश ही उसे पराजित करने पर तुला है। अनैतिकता के इस दौर में उम्मीद नहीं कि सावित्री न्याय की जंग जीत पायेगी।