जिले में अकीदत के साथ मना मुर्हरम, हिंदू समाज ने मुसलमानों से अधिक बनाये ताजिए
सोनू ख़ान
कर्बला के शहीदों की याद में सिद्धार्थनगर जिले में मुहर्रम पूरे शिद्दत से मनाया गया। इस अवसर पर जिले के तमाम गांव और कस्बों में ताजियों के जुलूस निकले हल्लौर में नौहा खानी और मातम के साथ ताजियों को पूरी अकीदत से दफन किया गया। इस मौके पर हिंदू ताजियादारों की तादाद मुसलमानों से अधिक रही।
मुहर्रम पर सबसे अधिक गहमागहमी डुमरियागंज के हल्लौर कस्बे में रही। जहां सुबह से ही नौहा खानी शुरू हुई। फिर अलग अलग अंजुमनों द्धारा मातम पेश किया गया। जंजीर और कुमा से हुए मातम में अकीदतमंद लहूलुहाल दिखे। इन सबके पीछे शहीदो ने कर्बला की याद और अकीदा काम कर रहा था। दोपहर को ताजिए उठने शुरू हुए। उन्हें चौक से उठा कर पारम्परिक स्थानों से गुजारा गया। फिर शाम तक अपने अपने इलाके के कर्बला में दफन किया गया।
जिला मुख्यालय पर तीन बजे के आस पास ताजियों का उठना शुरू हुआ। आजादनगर बेलसड़ पिठनी आदि के ताजिए शहर के सिद्धार्थ चौक पर जमा हुए। उसके बाद जुलूस कर्बला के लिए रवाना हुआ। इस दौरान जगह जगह पर लाठी और तलवारबाजी का प्रदर्शन हुआ। अंततः सूरज के डूबने के साथ ही सारे ताजियों को स्टेशन रोड पर बन कर्बला में पूरी अकीदत से दफन किया गया।
इसी प्रकार डुमरियागंज, इटवा बढनी, उस्का बाजार मोहाना, लोटन, जोगिया आदि स्थानों पर मुहर्रम सकुशल सम्पन्न हुआ। इस दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही।
मुहर्रम में ताजियों को उठाने म हिंदू अकीदतमंद ें मुसलमासनों से आगे रहे। प्रशासन के मुताबिक इस बार जिले में कुल 2835 ताजिए बिठाये गये, जिस में मुसलमानों के ताजिए मात्र 851 थे। जबकि हिंदू समाज के 1984 अकीदतमंदांे ने ताजिए उठाये और एक बार फिर जिले में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की।