भाई की लाश से लिपटी दूल्हन बनी पूजा का रुदन देख कलेजा फटने लगा बारातियों का
दूल्हन बनी बहन का करुण विलापः कुछ तो बोलों
मेरे भइया, अब मै यहां से विदा हो कर जा रही हूं
नजीर मलिक
जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। घर के आंगन में विवाहित भाई की लाश पड़ी थी और दूल्हन बनी बहन विदाई के समय उसके शव से लिपट कर कह रही थी कि ‘आखें खोलों भइया मै विदा हो रही हूं।‘ लेकिन उस दुखिया की फरियाद कौन सुनने वाला था। अन्ततः परिवार की महिलाओं ने मर्मांतक विलाप करती बहन को भाई के शव से अलग किया और उसे ससुराल के लिए विदा किया। इस घटना से वहां मौजूद लोगों के कलेजे फटने लगे। आंसुओं से सावन भादों की झड़ी लग गई। इस घटना के बाद से पूरे कस्बे में मातम छाया हुआ है।
दरअसल 13 मार्च की शाम चिल्हिया कस्बे लोचन गुप्ता की बेटी की बारात शाम को गोरखपुर से आने वाली थी। हल्दी की रस्म के दौरान खुशी में परिजनों के साथ दुल्हन का 19 साल का भाई बैजनाथ उर्फ बैजू भी खुशी में नाच रहा था। अचानक वह नाचते-नाचते गिर कर बेहोश हो गया। परिजन आनन-फानन उसे जिला अस्पताल ले गए। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया। उसके बाद परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां सके जीवन की सांसों की डोर टूट गई।
दुल्हन के भाई की मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया। मंगल गीत गा रहीं महिलाएं बिलखने लगीं। देखते ही देखते शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। यह घटना सुनकर दूल्हे की तरफ के लोग कुछ रिश्तेदारों को लेकर चिल्हिया पहुंचे और शादी की रस्में पूरी कराईं। दुल्हन के पिता ने सुबह चार बजे अपनी बेटी पूजा गुप्ता व बरातियों को विदा करने के बाद बैजू के शव का अंतिम संस्कार किया।
गौर तलब है कि दुल्हन की हल्दी रस्म में नाच रहे भाई बैजू की अचानक मौत की खबर के बाद दुल्हन पूजा, अपने भाई के शव के पास बैठी रही। उसे एकटक देखकर रोती रही, यह देखकर परिजन व शादी में आए लोग दहाड़ मार कर रोने लगे। मंगलवार को सुबह विदाई के समय दुल्हन अपने भाई के शव से लिपट कर दहाड़ मार कर रोती रही। वह रोते-रोते यही कह रही थी कि आंखें खोलो भाइया! मैं विदा रही हूं। लेकिन सुनता कैसे भाई तो दनियां से पहले ही विदा हो चुका था। इस घटना से चिल्हिया कस्बे में अब तक गम का माहौल है