योगी सरकार में शिक्षा मित्रों के बेहतर भविष्य की पहल शुरु, मूल स्कूल वापसी और महलाओं को ससुराल भी- हेमंत शुक्ला
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। शिक्षा मित्रों की ताकत और भरोसे के बल पर आने वाले समय में सभी मांगों से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर बनी सहमति पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की ओर से सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए पहल शुरू कर दी गई है। आने वाले समय में शिक्षा मित्रों का भविष्य उज्जवल है। ये बातें आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार शुक्ला ने जारी बयान में कही।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार शुक्ला ने शिक्षा मित्रों को मूल विद्यालय वापसी, महिलाओं को ससुराल जाने के अवसर को प्रदान करते हुए जारी शासनादेश पर प्रसन्नता व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि पुरुष शिक्षा मित्र और विवाहित शिक्षा मित्रों को अपने वर्तमान विद्यालय में रहने, मूल विद्यालय में जाने, मूल विद्यालय में पद खाली न होने पर उस ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में चल रहे विद्यालय में खाली शिक्षा मित्र पद पर विकल्प देकर तैनाती दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से समय-समय पर आंदोलन, उच्चाधिकारियों से प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के साथ ही उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, पूर्व एमएसलसी सुरेश चंद्र त्रिपाठी, साथ ही हम विशेष आभारी हैं आदरणीय पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री आरएसएस संजय जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, सांसद जगदंबिका पाल, एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पवन सिंह की भूमिका अहम है। सभी शिक्षा मित्रों के हितों को लेकर समय-समय पर पैरवी कर रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने शिक्षा मित्रों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखा और आवश्यकता पड़ने पर संगठन को तन, मन, धन से सहयोग करने का काम किया। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष साधना श्रीवास्तव ने कहा कि महिला शिक्षा मित्रों को वर्तमान में कार्यरत विद्यालयों में तैनात रहने, मूल स्कूल में जाने, उसी या दूसरे जिले में पति के घर (पति के निवास प्रमाणपत्र के आधार पर) की ग्राम सभा, पंचायत, वार्ड में परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षा मित्रों के पद पर तैनाती का विकल्प देने, जो शिक्षा मित्र अपने वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में काम करने का विकल्प देने पर ऐसे आवेदन पर किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं करने संबंधी निर्णय सराहनरीय है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बेहतर भविष्य होगा, इसकी उम्मीद जग गई है।