हे शिव! विस्कोहर टाउन अब विष को मारता नहीं, खुद जहर को पीता है
बृजेष मिश्र
छेदीलाल इंटर कालेज रोड
एतिहासिक कस्बा विस्कोहर में 365 शिव मंदिर होने के कारण उसे शिव की नगरी कहा जाता था। मान्यता थी कि कभी यहां सर्पदंश की दवाएं बनती थीं थीं। इसीलिए इसका नाम विष को हरने वाला यानी बिसकोहर पडा। लेकिन आज बिस्कोहर में हर तरफ समस्याओं के नाग घूम रहे हे। बिजली पानी सडक जैसी समस्या उनके लिए जहर बन चुकी है, मगर प्रशासन को उसकी परवाह नहीं।
दस हजार की आबादी वाला बिस्कोहर टाउन आज भी ग्राम पंचायत के दर्जे में जी रहा है। यहां की सडकें तालाब बन चुकी हैं। टाउन के छेदी लाल इंटर की रोड हो या प्रधान के घर जाने वाला रास्ता अथवा मंगल बाजार की रोड, हर जगह कीचड़ ही कीचड़ है। बस स्टाप पूरी तरह पानी में डूबा है।
ग्राम प्रधान बेगम राइनी के घर के सामने की हालत
टाउन के राम जी भाया, प्रभात जायसवाल, रामसेवक मास्टर, व सरदार कुलदीप सिंह आदि का कहना है कि ग्राम प्रधान महिला है। उनके परिजन यहां की समस्या पर ध्यान नहीं देते। इसके अलावा बिजली पानी की समस्या का निवारण प्रशासन का है, लेकिन वह भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
बउे व्यवसाई सुधीर बाबा कहते है कि इंटर कालेज की रोड पर बच्चों का जा पाना कठिन है। बस स्टाफ हो या प्रधान जी का घर, कहीं भी पैदल जा पाना नामुमकिन है। इन सभी नागरिकों का कहना है कि इस टाउन को नगर पंचायत का दर्जा मिले बिना समस्याओं का हल नजर नहीं आता। इस बारे में ग्राम प्रधान श्रीमती राइनी से बात की कोशिश सफल नहीं हुई। जहां तक नगरपालिका का सवाल है क्षेत्रीय सांसद जगदम्बिका पाल का कहना है कि वह जल्द ही वहां के लोगों से मिल कर इस बारे में शासन से वार्ता करेंगे।