जानिए वे तीन नाम जिनमें से किसी एक पर चुनावी दांव लगा सकती है कांग्रेस
मुस्लिम, ब्राह्मण अथवा ओबीसी समाज से आखिर कौन हो सकता है टिकट का दावेदार चेहरा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले की शोहरतगढ़ विधानसभा सीट पर टिकट के दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। उसी के मुताबिक टिकटार्थियों की गणेश परिक्रमा भी तेज होती जा रही है। इधर प्रियंका गांधी की अथक मेहनत के चलते कांग्रेस के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए कांगेस अलाकमान ने जीत के लिए क्षेत्रवार जो राडमैप जो रणनीति तैयार की है, यदि वह वाकई अमल में आया तो टिकट के सेहरा तीन नेताओं में से किसी के माथे पर सज सकता है।
खबर है कि कांग्रेस अलाकमान ने विधनसभा चुनावों में जातीय गुणाभाग को ध्यान में रख कर जीत का फंडा तैयार किया है। जिसके मुताबिक पार्टी अन्य दलों के उम्मीदवारों को देख कर ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी, जिसमें जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रख कर पार्टी के टिकट का एलान किया जायेगा। कांग्रेस आलाकमान को अभी तक शोहरतगढ़ विधानसभा सीट के बारे में पार्टी को जो फीडबैक मिला है, उसके अनुसार यहां से ब्राह्मण मुस्लिम अथवा कुर्मी उम्मीदवार ही जम कर लड़ते हुए जीत हासिल कर सकता है।
शोहरतगढ़ सीट पर यदि सपा मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देगी तो कांग्रेस यहां से मुस्लिम प्रत्याशी उतर सकती है। मुस्लिम वोटर यहां पर 27 प्रतिशत हैं। यदि उसके मुस्लिम प्रत्याशी ने मेहनत किया तो वह सपा से बड़े प्रतिशत में मुस्लिम वोट छीन कर अपनी स्थिति मजबूत बना सकता है। कांग्रेस के पास इस बात की भी फीडबैक है कि यहां से टिकट के दो मुस्लिम दावेदार है। इनमें उनके पुराने नेता अतहर अलीम आमतोर पर लखनऊ रहते हैं और क्षेत्र में कम आना जाना हो पाता है।
कांग्रेस डा. सरफराज पर लगा सकती है दांव?
दूसरे क्षेत्र के प्रसिद्ध सर्जन सरफराज अंसारी हैं जो पिछले 2 सालों से क्षेत्र में डटे हुए हैं तथा पार्टी के र्काक्रमों के अलावा चिकित्साषिविरों के माध्यम से जनता की सेवा में लगे हुए हैं। पिछले सैलाब से चालू माह तक डा. सरफराज 22 मेउिकल कैम्पों के माध्यम से लगभग 50 हजार लोगों से सम्पर्क कर चुके हैं। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक गांवों में प्रमुख लोगों के साथ बैठकें कर चुके हैं।
कांग्रेस की रणनीति के अनुसार अगर मजबूत राजनीतिक दलों ने मुस्लिम कंडीडेट न उतारा तो शोहरतगढ़ से डा. सरफराज अंसारी पर दांव लगाया जा सकता है। बता दें कि इस बार सपा राजपूत और बसपा ब्राहमण उम्मीदवार देने का मन बना चुकी है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां मुस्लिम उम्मीदवार मुफीद होगा। यदि किसी हालात में टिकट बदलना पड़ा तो कांग्रेस कुर्मी विरादरी के नेता व पूर्व विधायक पप्पू चौधरी या ग्राह्मण नेता डा. अविंद शुक्ला पर दांव लगा सकती है।