गरमाने लगी शोहरतगढ़ सीट की सियासत, राजा योगेन्द्र समेत कई चेहरों की सक्रियता बढ़ी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली शोहरतगढ़ विधानसभा साीट पर सियासत गरमाने लगी है। हालांकि चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन दावेदारों की भीड़ की वजह से हलचल अभी से शुरू हो गई है। शोहरतगढ़ राजघराने के सदस्य राजा योगेन्द्र प्रताप भी नई रणनीति के साथ मैदानमें उतरने की तैयारी में हैं।
तकरीबन दो लाख मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती सपा को है। हालांकि लालमुन्नी सिंह सपा की विधायक हैं फिर भी कई अन्य नेता टिकट की आस लगाये बैठे हैं। उनमें राज्य महिला आयोग की सदस्य जुबैदा चौधरी भी हैं।
दूसरी तरफ बसपा में अमर सिंह चौधरी को पीछे कर दो अन्य बसपा नेता आगे निकलने के प्रयास में है। पिछले चुनाव में सपा को कड़ी टक्कर देने वाले मुमताज अहमद भी हैं ही। वह बसपा से बाहर जरूर हैं, लेकिन पार्टी में उनके समपर्क बहुत मजबूत हैं।
कांग्रेस में पप्पू चौधरी और अनिल सिंह के बीच खींच तान है तो भाजपा में पुरानी उम्मीदवार साधना चौधरी को हटा कर टिकट के लिए कम से कम दो लोग आस लगाये हैं, जिनमें भाजपा नेता राधारमण त्रिपाठी भी शामिल हैं।
इन सबके बीच सबसे चौंकाने वाली बात शोहरतगढ़ राज घराने के सदस्य राजा योगेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बाबा साहब की सक्रियता है। पिछले चुनाव में बाबा साहब अंतिम क्षण में पीस पार्टी का सिंबल लेकर आये और 22 हजार मत पाकर सबको आश्चर्य चकित कर दिया।
कपिलवस्तु को ठोस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजा योगेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बाबा साहब इस बार बेहद सधी रणनीति से काम कर रहे हैं। उन्होंने कई बड़े दलों में अपने सम्पर्क सूत्र विकसित किये हैं। इस बात की पूरी उम्मीद है कि वह आने वाले दिनों में एक बड़े दल के उम्मीदवार बन कर सबकों चौका सकते हैं।
जहां तक बाबा साहब का सवाल है वह अपने सम्पर्कों की बात मानते तो हें, मगर रणनीतिक दृष्टि से उसका खुलासा करना उचित नहीं मानते। उनका कहना है कि काट छांट के राजनीतिक दौर में सावधानी और गोपनीयता जरूरी है। वक्त आने पर सब कुछ सामने होगा।
बड़े सिंबल पर चुनाव में उतरने की उम्मद लिए बाबा साहब ने अपना जनसम्पर्क भी जारी रखा है। वह अक्सर मिलने वालों से पूरी आत्मीयता से कहते हैं कि पिछली बार जल्दबाजी में चुनाव लड़ा था। इस बार तो व्यवस्थित ढंग से उतरूंगा। ग्रामीण उन्हें भरोसा भी देते हैं।
दरअसल पिछले चुनाव में पीस पार्टी का सिंबल होने के कारण क्षेत्रीय मतदाता उनसे कहते थे, राजा साहब आप ठीक हैं, मगर आपका सिंबल गलत है। यह वह सबक था, जिसे बाबा साहब ने समझा और अब वह उसी रणनीति के तहत बड़े सिंबल की तलाश में हैं। इंतजार करिए, किसी भी दिन मिल सकती है शोहरतगढ़ से बड़ी खबर।