डुमरियागंजः माब लिंचिंग में मारे गये तबरेज की शोकसभा जबरन रोकी गई।
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। झारखंड में भीड़ द्धारा पीट पीट कर मार डाले गये युवक तबरेज अंसारी के के हक में घोषित कैंडिल मार्च और शोकसभा को डुमरियागंज न्रशासन ने जबरन रोक दिया। जिसकी तीखी आलोचना की जा रही है। बहरहाल शांतियात्रा रोके जाने के बाद आयोजकों को एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को पांच सूत्रीय ज्ञापन देकर कार्यक्रम समाप्त करना पड़ा।
बताया जाता है कि शुक्रवार को निर्धारित कार्यक्रम पर डुमरियागंज सिविल सोसाइटी के लोग ब्लाक परिसर पर इकठ्ठे हुए तो एाओ डुमरियागंज मय पुलिस के साथ्र पहुंच कर कार्यक्रम न किए जले का आदेश दिया।उनका कहना था कि इससे शांति और सद्भाव को खतरा हो सकता है।
कार्यक्रम के संयोजक शारुख खान ने आदेश का प्रतिवादकरते हुए कहा कि कैंडिल मार्च सद्भाव के लिए ही है और यह पूरी तरह शांतिपूर्वक ही होगा, मगर पुलिस ने उनकी एक न सुनी और शांति भंग की कथित आशंकाबताते हुए माच न निकलने देने पर टल रही। पुलिस कहना था कि मार्च निकरलने की जिद पर सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।
जिस पर आयोजकों में से एक काजी इमरान लतीफ का कहना था कि लोकतान्त्रिक दायरे में रह कर विरोध दर्ज करने का अधिकार न दिया जाना लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है।.अंत में नागरिक समाज कि तरफ से उपजिलाधिकारी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया गया। जिसमें तबरेज के परिवार का पुनर्वास, दोषी के खिलाफ कार्रवाई और सजा की मांग की गई
ज्ञापन देने के दौरान मौजूद शाहरुख अहमद,डॉ वासिफ़, डॉ बख़्तियार, काज़ी इमरान लतीफ़, अज़ीमुश्शान, उसामा खान, प्रशांत, प्रोषोत्तम पांडेय, सरताज, शादाब, इमरान, जमील खान, अख़्तर, इरफान मिर्ज़ा, परवेज़, अशरफ, शकील, शरीक, ताहिर, सुबराती, रिंकू, अर्जुन कन्नौजिया, इशराक आदि लोग मौजूद रहे।